Prakash veg

Latest news uttar pradesh

आर्टिकल 370 हटाना सही, पर चुनाव कराओ और राज्य का दर्जा दो; फैसले में SC की 10 बड़ी बातें

1 min read

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने वैध ठहराया है और उसे चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि विधानसभा यदि भंग है और वहां राष्ट्रपति शासन लगा था तो फिर उनके पास यह अधिकार था कि वे आर्टिकल 370 पर फैसला लें। चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि अब इतने सालों बाद इस आर्टिकल को हटाने की वैधता पर चर्चा करना गलत होगा। यह बहस अब मुनासिब नहीं है।

1. आर्टिकल 370 को हटाने की प्रक्रिया संवैधानिक तौर पर सही थी। राष्ट्रपति के पास उसे हटाने की शक्ति निहित थी क्योंकि विधानसभा भंग थी। इस फैसले के लिए विधानसभा की सहमति जरूरी नहीं थी।

2. चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली संवैधानिक बेंच ने कहा कि आर्टिकल 370 एक अस्थायी प्रावधान था और यह ट्रांजिशन के लिए ही था।

3. अदालत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की कोई संप्रभुता नहीं थी। राज्य का जब भारत के साथ विलय हुआ तो उसने अपनी संप्रभुता को भी भारत में विलीन कर दिया था।

4. आर्टिकल 370 हटाने को लेकर कोर्ट ने कहा कि हम इसमें कोई संवैधानिक खामी नहीं पाते। इतने सालों के बाद इस फैसले की वैधता पर बात करना मुनासिब नहीं है।

5. अदालत ने साफ कहा कि आर्टिकल 370 एक अस्थायी प्रावधान ही था। इसे विलय के प्रावधानों को लागू करने के लिए ही लाया गया था।

6. चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि 30 सितंबर, 2024 तक विधानसभा चुनाव करा लिए जाएं।

7. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करे। इससे पहले सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि उचित समय पर इस बारे में फैसला लिया जाएगा। यही बात होम मिनिस्टर अमित शाह संसद में भी दोहरा चुके हैं।

8. अदालत ने उन सवालों का भी जवाब दिया है, जिनमें राष्ट्रपति की अधिसूचना पर फैसले लेने को गलत बताया गया था। कोर्ट ने कहा कि विधानसभा भंग होने पर राज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति शासन करता है। ऐसे में वही फैसले लेने का अधिकारी होता है।

9. आर्टिकल 370 को लेकर 5 जजों की बेंच ने कुल तीन फैसले लिखे। इन फैसलों में भले ही अलग-अलग बात कही गई, लेकिन उनका निष्कर्ष एक ही है।

10. अदालत ने कहा कि अन्य राज्यों की तरह ही जम्मू-कश्मीर की भी कोई संप्रभुता नहीं है। जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने जब विलय का फैसला लिया था तो संप्रभुता को भी विलीन कर दिया था।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published.

https://slotbet.online/