बिहार के जातीय सर्वे में कई खामियां, करना होगा दूर, नीतीश और तेजस्वी यादव से बोले अमित शाह
1 min readकेंद्रीय मंत्री अमित शाह ने बिहार के जातीय सर्वे को लेकर कहा है कि इसमें कुछ समस्याएं हैं, जिन्हें दूर करना होगा। यही नहीं उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को कभी भी जातीय सर्वे पर आपत्ति नहीं रही है और उसने कभी इसे लेकर बाधा उत्पन्न नहीं की। उन्होंने कहा कि बिहार में तो जब हम सत्ता में थे, तब जातीय सर्वे का समर्थन ही किया था। पटना में रविवार को जोनल काउंसिल की मीटिंग के दौरान अमित शाह ने ये बातें कहीं। गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हमें उम्मीद है कि बिहार सरकार जातीय सर्वे में आई खामियों को दूर करने का प्रयास करेगी।
अमित शाह ने कहा, ‘केंद्र सरकार की कभी जातीय सर्वे में बाधा डालने की मंशा नहीं थी। भाजपा जब बिहार की सरकार में शामिल थी तो उसने इसका समर्थन ही किया था। यही नहीं गवर्नर ने भी बिल को तुरंत मंजूरी दे दी।’ वहीं सीएम नीतीश कुमार ने याद दिलाया कि बिहार में हमने दो बार प्रस्ताव पारित किया और केंद्र सरकार से अपील की थी कि वह जातीय सर्वे कराए। ऐसा नहीं हुआ तो फिर हमने बिहार सरकार के संसाधनों से ही करा ली। उन्होंने कहा कि पूरे देश में जातीय सर्वे कराने की जरूरत है।
पूर्वी जोन की मीटिंग में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के अलावा ओडिशा, बंगाल और झारखंड के वरिष्ठ मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया। मीटिंग में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव
UP-मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में जातीय सर्वे की मांग
यही नहीं बिहार के बाद यूपी, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में जातीय सर्वे कराने की मांग भी उठाई जा रही है। कांग्रेस ने तो चुनावी राज्यों में इसे लेकर वादे भी किए थे। माना जा रहा है कि 2024 के चुनाव में कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल जातीय सर्वे की मांग करते हुए मुद्दा उठा सकते हैं। कांग्रेस को भी लगता है कि इसके बहाने वह ओबीसी वर्ग में कुछ पैठ बना सकेगी। फिलहाल कांग्रेस हर वर्ग में अपनी पकड़ खोती दिख रही है। ऐसे में इसके बहाने वह एक बड़े वर्ग को साधने का प्रयास करेगी।
भी मौजूद थे। गौरतलब है कि जातीय सर्वे का बिहार में भाजपा ने भी समर्थन किया था। इसके अलावा आबादी के अनुपात में जातिगत आरक्षण दिए जाने का प्रस्ताव भी विधानसभा से ध्वनिमत से पारित हुआ था। भाजपा ने भी इसका आगे बढ़कर समर्थन किया था। हालांकि अब जातीय सर्वे को लेकर क्रेडिट की जंग छिड़ती दिख रही है। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव इसे अपनी सरकार की जीत के तौर पर पेश करते रहे हैं।