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निषाद समाज को गुमराह कर रहे हैं समाज के नेता

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गोरखपुर।अपने को पॉलीटिकल आफ गॉड फादर फिशर मैंन की संज्ञा से नवाजने वाले एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री को घेरते हुए पूर्व मंत्री राम भुवाल निषाद, पूर्व विधायक प्रत्याशी पिपराइच अमरेंद्र निषाद व पूर्व जिला अध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी ने गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब में संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ व्यक्तिगत लाभ चाहिए। व्यक्तिगत स्वार्थ व परिवार के लाभ के लिए वह राजनीति कर रहे हैं। समाज के विकास और उत्थान से उन्हें कुछ भी नहीं लेना देना है। उन्होंने सत्तारूढ़ दल पर भी आरोप लगाया और कहा कि भाजपा ने भी समाज का सिर्फ उपेक्षा ही किया है। समाज को वोट बैंक समझने वाले इस बार उनके झांसे में नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकारों ने ही निषाद समाज के उत्थान के लिए अनेकों कार्य किए थे। अनुसूचित जाति में निषाद समाज को रखने के लिए समाजवादी सरकारों ने शासनादेश भी जारी किया था। ताल खनन, मत्स्य का पट्टा समाजवादी सरकारों ने दिया था। इतना ही नहीं समाजवादी सरकारों ने अपने शासनकाल में 320000 मछुआ आवास दे रही थी, योगी सरकार ने उसे घटाकर 200000 कर दिया। इससे स्पष्ट होता है कि कौन निषाद समाज का सच्चा हितैषी है। नेतात्रय ने कहा कि महाराजा निषादराज की जयंती पर अवकाश समाजवादी सरकारों ने घोषित किया था जिसे भाजपा की सरकार ने बंद कर दिया। सबसे ज्यादा टिकट निषाद समाज को सपा ने दिया। इतना ही नहीं बलात्कारियों द्वारा सताई गई निषाद समाज की बेटी फूलन देवी को जेल से निकालकर संसद भवन पहुंचाने का कार्य समाजवादी पार्टी ने किया। नेतात्रय ने कहां है कि निषाद समाज के लोगों का हित सपा में ही है, इसलिए महापौर प्रत्याशी काजल निषाद समेत सभी पार्षद प्रत्याशियों के समर्थन में उत्तरे और उन्हें नगर निगम के सदन में भेजने का कार्य करें।

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