तृणमूल के विधायक बीजेपी में क्यों जा रहे हैं?
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पहले कुछ ज़रूरी तथ्य
अब तक कुल 11 विधायक अपना-अपना दल छोड़कर बीजेपी में गए हैं और कम-से-कम 3 अन्य के निकट भविष्य में बीजेपी में जाने की संभावना है। लेकिन ध्यान दीजिए, ये सब के सब तृणमूल कांग्रेस के विधायक नहीं है। इनमें से 5 वे हैं, जो 2016 में सीपीआईएम और कांग्रेस के टिकट पर जीते थे या दलबदल करके टीएमसी में गए थे।
यानी तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर जीतकर आने वाले केवल 6 विधायक हैं, जिन्होंने अब तक बीजेपी के पाले में छलांग लगाई है। जो 3 अन्य शीघ्र ही बीजेपी में जा सकते हैं, उनमें से एक राजीव बनर्जी हैं, जिन्होंने कल मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दिया और दूसरी वैशाली डालमिया हैं जिनको पार्टी से निकाला गया है। तीसरा एक दलबदलू विधायक है जो कांग्रेस से टीएमसी में गया था।
बीजेपी में जाने वाले विधायकों की तीन श्रेणियाँ हैं। सीपीआईएम और कांग्रेस के विधायक – 4, टीएमसी के मूल विधायक – 8, अन्य पार्टियों से टीएमसी में आए विधायक -2। हमें विधायकों की अलग-अलग श्रेणियाँ बनाने की ज़रूरत इसलिए है कि इन तीनों श्रेणियों के विधायकों के बीजेपी में जाने की वजहें अलग-अलग हैं। पहले हम लेफ़्ट और कांग्रेस के विधायकों की बात करते हैं, क्योंकि उनके बीजेपी में जाने का कारण समझना सबसे आसान है।
सीपीआईएम-कांग्रेस के विधायकों का दलबदल
आप जानते होंगे कि 2019 के लोकसभा चुनावों में बंगाल में बीजेपी के वोट शेयर में बहुत बड़ी वृद्धि हुई थी। वह 2014 के 16% से बढ़कर 40% तक हो गया था।
