Diwali Crackers: दीवाली के त्योहार जब-जब आता है, तब-तब पटाखे फोड़ने को लेकर बहस छिड़ जाती है। लोग पटाखे से प्रदूषण होने का हवाला देकर लोगों को दीपावली मनाने की सलाह दे रहे हैं। इसको लेकर बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हम दो पक्षीय बात करने वालों पर ही सुतली बम रख देंगे। लोग जमकर दीपावली पर पटाखे फोड़ें। उनके बयान पर अब मौलाना तौकीर रजा ने पलटवार करते हुए कहा कि सुतली बम मत छोड़िए, एटम बम मार दो।
बागेश्वर धाम सरकार ने लोगों को दीवाली की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि जब भी हिंदू धर्म की बात आती है तो उनके त्योहार पर लोग सवाल उठने लगते हैं, कभी कानून की बात होने लगती है तो कभी रोक लगाने की बात। उन्होंने कहा कि हमने कल की खबर देखी कि दिवाली पर दिए में इतने तेल और घी चलाए जाते हैं। इसे अगर गरीबों में बांट दे तो भला हो जाएगा। अब महा-मूर्खानंद को कहना चाहते हैं कि इस देश में बकरीद भी तो होती है।
उन्होंने कहा कि बकरीद को भी बंद करवा दो। लाखों रुपए के जो बकरे काटे जाते हैं उन रुपयों को गरीबों में बांट दो। इससे जीव हिंसा पर रोक लगेगी। बागेश्वर बाबा ने कहा दीवाली के पटाखे पर लोग सवाल उठा रहे हैं, लेकिन वो लोग हैप्पी न्यू ईयर के नाम पर जो पटाखे छोड़े जाते हैं उन पर तो कोई सवाल नहीं उठाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे दो पक्षीय लोगों पर सुतली बम रख दें। मैं सुतली बम खरीद कर लाया हूं।
वहीं, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर राजा ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर पलटकार किया। उन्होंने कहा कि दीपावली रोशनी का त्योहार है ना कि धमाकों और पटाखों का त्योहार है। अगर आपकी खुशी का इजहार करने में प्रदूषण कर रहा है तो वह खुशी नहीं है। उन्होंने कहा कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध न लगे, लेकिन इसकी समय सीमा तय होनी चाहिए। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान पर कहा कि पहले मुसलमान त्योहार पर ही आतिशबाजी करते थे लेकिन देश हित में इस पर पाबंदी लगा दी गई।
उन्होंने कहा कि बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी दी जाती है, लेकिन दीपावली पर होने वाले प्रदूषण से इंसानों को नुकसान हो रहा है तो देश में सबसे पहले इंसानों को बचाने का काम किया जाना चाहिए। बागेश्वर धाम सरकार के बयान पर कहा कि सुतली बम मत छोड़िए, एटम बम मार दो, सुतली बम की क्या जरूरत है। आतिशबाजी करके हिंदू समाज अपना और देश का नुकसान कर रहा है।