RSS की तारीफ क्यों कर रही शिवसेना, सियासी चिढ़ या चाहत? मोदी-शाह की जोड़ी और संघ के रिश्तों की खोली पोल
1 min readकांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्षी इंडिया अलायंस और महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के घटक दल शिवसेना ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उसके सरकार्यवाह मोहन भागवत की तारीफ की है और उनके बयानों के बहाने भाजपा पर तीखा तंज कसा है। अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने लिखा है कि क्या मोहन भागवत के क्लास लगाने से भाजपा का मौजूदा चरित्र बदलने वाला है? पार्टी ने आगे लिखा है कि जब तक भाजपा के सूत्र मोदी-शाह के हाथ में हैं, तब तक संघ नेताओं की फटकार चिकने घड़े पर पानी डालने के सिवा कुछ नहीं कहा जा सकता है।
मोहन भागवत के बयान का उल्लेख करते हुए उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने कहा है कि जनसेवक कौन है और जन सेवा के नाम पर अहंकार कौन पाल रहा है? आलेख में सेना ने लिखा है कि संघ भाजपा का मातृ संगठन है। भाजपा को वर्तमान स्थिति में लाने के लिए संघ के स्वयंसेवकों ने कड़ी मेहनत की। संघ वहां पहुंच गया है जहां भाजपा नहीं पहुंची। झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर-पूर्व के सुदूर राज्य, इन सुदूर इलाकों में संघ के स्वयंसेवकों के अपार प्रयासों के कारण ही भाजपा ने जड़ें जमाईं और सफलता पाई है।
आलेख में आरएसएस की तारीफ करते हुए कहा गया है कि संघ ने अरुणाचल, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, असम जैसे राज्यों में भी काम किया। संघ झारखंड, छत्तीसगढ़ के जंगली इलाकों में है। मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भाजपा की शत-प्रतिशत सफलता संघ के निर्माण के कारण है, लेकिन पिछले दस वर्षों में मोदी-शाह ने संघ का इस्तेमाल केवल राजनीतिक लाभ के लिए किया। शिवसेना ने मोदी-शाह की जोड़ी पर हमला बोलते हुए लिखा है कि इस व्यापारिक जोड़ी ने दिखा दिया कि संघ का मतलब ‘इस्तेमाल करो और फेंक दो’ है वरना भाजपा अध्यक्ष नड्डा में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह कह सकें कि हमें संघ की जरूरत नहीं है। शिवसेना ने लिखा है कि ये बयान देने की प्रेरणा उन्हें मोदी-शाह से मिली।