वसुंधरा राजे सीएम फेस नहीं, फिर भी वह सब पर क्यों पड़ रही है भारी? 3 पॉइंट में समझें गणित
1 min readराजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को बीजेपी ने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया है। इसके बावजूद वह राजस्थान बीजेपी के नेताओं पर भारी है। वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक घर बैठे है या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। वसुंधरा राजे समर्थकों को टिकट नहीं देने के बावजूद पूर्व सीएम राजे सब पर भारी है। सियासी जानकारों का कहना है कि भले ही वसुंधरा राजे समर्थकों के बडे़ पैमाने पर टिकट काट दिए है। लेकिन 200 में से 85 उम्मीदवार ऐसे है जो वसुंधरा राजे के समर्थक माने जाते हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी को बहुमत मिलता है तो स्वाभाविक तौर पर जितने वाले उम्मीदवार राजे का ही समर्थन करेंगे। सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस हो या बीजेपी पार्टी आलाकमान विधायकों की राय पर ही मुख्यमंत्री बनाने की बात कहता है। ऐसे में बीजेपी में विधायकों की बात आएगी तो वसुंधरा राजे का नाम सबसे आगे हो सकता है। बता दें वसुंधरा राजे इन दिनों केवल अपने समर्थकों के समर्थन में ही वोट मांग रही है।
पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव
राजस्थान में बीजेपी इस बार बिना चेहरे के चुनाव लड़ रही है। वसुंधरा राजे को इस बार सीएम फेस घोषित नहीं किया है। इससे पहले दो चुनाव वसुंधरा राजे के चेहरे पर ही लड़े गए थे। बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जा रहा है। वसुंधरा राजे के धुर विरोधी माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत कहते रहे हैं कि चुनाव बाद संसदीय बोर्ड की मीटिंग में सीएम पर निर्णय होगा। बता दें शेखावत खुद सीएम पद के लिए दावेदार है। हालांकि, वे इनकार करते रहे हैं।