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एक और बैंक के लेन-देन पर आरबीआई ने लगाई रोक, शाखा पर ग्राहकों का हंगामा

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एक और बैंक पर ताला लग गया है। आरबीआई ने पूर्वांचल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के लेनदेन पर रोक लगा दी है। बैंक के ऋण वितरण समेत अन्य कार्यों की जांच शुरू कर दी है। बैंक होने पर ग्राहकों ने हंगामा किया।

एक और बैंक के लेन-देन पर आरबीआई ने लगाई रोक, शाखा पर ग्राहकों का हंगामा

एक और बैंक पर ताला लग गया है। आरबीआई ने पूर्वांचल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के लेनदेन पर रोक लगा दी है। बैंक के ऋण वितरण समेत अन्य वित्तीय कार्यों की जांच शुरू कर दी गई है। बैंक बंद होने की सूचना मिलने के बाद खाताधारकों ने मंगलवार को जमकर हंगामा किया। हंगामे की सूचना मिलने पर कोतवाल टीबी सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझाकर शांत कराया। खाताधारकों ने बताया कि एक महीने से वे धनराशि नहीं निकाल पा रहे थे। कर्मचारी बहाना बनाकर उन्हें लौटा देते थे।

सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक (सहकारिता) अंसल कुमार ने बताया कि जांच में बैंक से गलत ढंग से ऋण देने की जानकारी मिली है। लिहाजा, हर बिंदु पर जांच कराई जा रही है। बैंक के पास मौजूदा समय में खाताधारकों को देने के लिए धन नहीं था। आरबीआई की गाइडलाइन पर बैंक की छह शाखाओं को बंद करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि बैंक बंद होने पर खाताधारकों को बीमित भुगतान, जो अधिकतम पांच लाख रुपये है, निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम के जरिए कराया जाएगा।

इससे पहले शुक्रवार को लंका-कचहरी मार्ग पर स्थित पूर्वांचल को-आपरेटिव बैंक पर ग्राहकों ने प्रदर्शन किया था। ग्राहकों का आरोप था कि जमा किए गए पैसे को निकालने के लिए उन्हें दौड़ाया जा रहा है। दस हजार की पर्ची लगाने पर उन्हें एक हजार रुपये दिए जा रहे हैं। यह हाल करीब एक महीने से है। ग्राहकों ने जिलाधिकारी से भी इसकी शिकायत कर जांच की मांग की है। वहीं बैंक प्रबंधन का कहना है कि केवल निकासी होने से समस्या आई है जो कुछ दिनों में सही हो जाएगी।

बीकापुर निवासी दूधनाथ ने बताया कि पत्नी राधिका देवी के नाम से पूर्वांचल को-आपरेटिव बैंक में खाता है। डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा जमा है। मकान बनवाने के दौरान जब जरूरत पड़ी तो पैसे निकालने पहुंचा। यहां पर पता चला कि पिछले कई दिनों से जिन लोगों ने पर्ची जमा किया है उन्हें ही पैसा नहीं मिला है। ईशा गोप पुत्री अर्जून गोप का कहना है कि दस हजार रुपये निकालने के लिए वह 15 दिनों से चक्कर काट रही है। लेकिन अभी तक सिर्फ एक हजार रुपये ही मिल सका है।

वहीं सतीश पाल का कहना है था कि वह भी पैसों की निकासी के लिए 12 दिनों से चक्कर काट रहे हैं लेकिन एक हजार देकर खानापूर्ति की जा रही है। शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष ग्राहक बैंक में पैसा निकासी के लिए पहुंचे थे जो पैसा निकालने के नाम पर दौड़ाए जाने का आरोप लगा रहे थे।

दो तीन दिनों में सही होने का किया था दावा

अर्बन कोआपरेटिव बैंक के सीईओ मनीष पटेल ने शुक्रवार को कहा था कि करीब एक माह से लगातार उपभोक्ताओं की ओर से निकासी की जा रही है, लेकिन जमा नहीं हो रहा है। जिससे धनराशि की थोड़ी कमी हो गयी है। वाराणसी में स्थित एक कोआपरेटिव बैंक बंद होने की सूचना के बाद उपभोक्ताओं को गलत फहमी हो गई है। तीन से चार दिन में स्थिती सुधर जाएगी। ऊपर के अधिकारियों से बातचीत चल रही है।

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