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सुप्रीम कोर्ट का किसानों पर फ़ैसला ऐतिहासिक होगा?

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किसान आंदोलन पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। ज्यादातर लोग आशंकित हैं। उन्हें डर है कि  सुप्रीम कोर्ट कोई ऐसी टिप्पणी ना कर दे जिससे किसान आंदोलन को कोई धक्का पहुँचे। कोरोना महामारी या बर्ड फ्लू के भय के बहाने क्या सुप्रीम कोर्ट किसानों को सड़क खाली करने के लिए कह सकता है?

 

दरअसल, कोरोना संक्रमण के भय के कारण दिल्ली के शाहीन बाग सहित लखनऊ आदि स्थानों पर सीएए-एनआरसी के खिलाफ चल रहे आंदोलनों को खत्म कर दिया गया। शाहीन बाग आंदोलन के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आंदोलन के लिए सार्वजनिक स्थलों को बाधित नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति गठित करके आंदोलन खत्म करने के लिए बीच का कोई रास्ता निकालने का आग्रह किया था।

हठ छोड़े सरकार

यह सही है कि आंदोलन के कारण आम लोगों को कोई तकलीफ नहीं हो। कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी भी प्रशासन की होती है। लेकिन एक स्वस्थ लोकतंत्र में नागरिकों को विरोध और आंदोलन करने का अधिकार है। यह भी जरूरी है कि सरकार अपने नागरिकों को सुने। उनकी माँगों पर गौर करे और परेशानियों को दूर करे। लेकिन आंदोलन को बदनाम करके खारिज करना लोकतंत्र के कतई हित में नहीं है।

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