नेपाल से हो रही टमाटर की तस्करी, महराजगंज की मंडियों में धड़ल्ले से बिक्री
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• महंगाई में राहत की जगह बढ़ रही चिंता, खुलेआम बिक रहा तस्करी का टमाट
महराजगंज। देशभर में महंगाई का प्रतीक बन चुके टमाटर की अब तस्करी शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले महराजगंज में नेपाल से टमाटर की अवैध तरीके से तस्करी कर लाकर नौतनवां सहित अन्य स्थानीय मंडियों में खुलेआम बेचा जा रहा है।
टमाटर की बढ़ती कीमतों के बीच जहां देश के कई हिस्सों में इसकी चोरी की घटनाएं सामने आ रही हैं, वहीं अब अंतरराष्ट्रीय सीमा से इसकी तस्करी ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।
स्थानीय मंडियों में कई दुकानें नेपाली टमाटर से सजी दिखाई दे रही हैं। दुकानों पर रखे टमाटर को देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह माल नेपाल से अवैध रूप से लाया गया है। इससे पहले भी नेपाल से लहसुन की तस्करी के मामले सामने आ चुके हैं, और अब टमाटर भी इस अवैध कारोबार की फेहरिस्त में शामिल हो गया है।
जानकारी के मुताबिक, टमाटर की यह खेप कैरियर (ठेला, साइकिल, बाइक या छोटे वाहन) के माध्यम से नेपाल से भारत में दाखिल की जा रही है। बताया जा रहा है कि नेपाल से टमाटर ₹300 से ₹600 प्रति कुंतल में खरीदा जाता है और महराजगंज की मंडियों में ₹400 से ₹700 प्रति कुंतल में बेचा जा रहा है।
कुछ दुकानदारों का कहना है कि नेपाली टमाटर सस्ता और जल्दी उपलब्ध हो जाता है, इसलिए वे इसे खरीदते हैं। हालांकि, यह व्यापार अवैध है क्योंकि सीमा पार से किसी भी उत्पाद का आयात बिना कस्टम और अनुमति के गैरकानूनी माना जाता है।
स्थानीय प्रशासन और सीमा सुरक्षा बल के लिए यह एक चुनौती बनता जा रहा है। टमाटर की यह तस्करी न केवल देश के बाजार को प्रभावित कर रही है, बल्कि सरकार के राजस्व को भी नुकसान पहुंचा रही है।
टमाटर की तस्करी और उसकी खुलेआम बिक्री पर प्रशासन की चुप्पी हैरान करने वाली है। न तो स्थानीय प्रशासन की कोई कार्रवाई सामने आई है और न ही कोई रोकथाम की प्रक्रिया। सवाल यह उठता है कि जब सीमावर्ती इलाकों में कड़ी निगरानी का दावा किया जाता है, तो फिर यह टमाटर इतनी आसानी से कैसे पहुंच रहा है?
स्थानीय व्यापारियों और सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि नेपाल से तस्करी कर लाया गया टमाटर बाजार भाव को प्रभावित कर रहा है और उन्हें घाटा उठाना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की है कि प्रशासन सख्ती से निगरानी करे और इस अवैध व्यापार पर रोक लगाए।