यूपी के इन लोगों के लिये सीएम योगी ने खोला खजाना, मिलेंगी कई सुविधाएं, बनाए जांएंगे आत्मनिर्भर
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यूपी की योगी सरकार ने पिछले दिनों वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया था। इसमें विभिन्न वर्गों के लिए सौगातों की घोषणा की गई थी। इन्हीं वर्गों में से एक दिव्यांगजनों के लिए तो योगी सरकार ने खजाना खोल दिया है। दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए 1424 करोड़ रुपये की बड़ी राशि प्रस्तावित की है। यह प्रावधान न केवल उनकी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अधिकृत सूत्रों ने बुधवार को बताया कि दिव्यांगजन अक्सर आर्थिक अस्थिरता के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करते हैं। उनकी इन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने भरण-पोषण अनुदान योजना के तहत 1424 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इस योजना का उद्देश्य दिव्यांगजनों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि वे अपने जीवनयापन के लिए किसी पर निर्भर न रहें।
दिव्यांगजन की जीवनशैली को सरल और सुगम बनाने के लिए सरकार ने 35 करोड़ रुपए का बजट कृत्रिम श्रवण सहायक यंत्र, व्हीलचेयर, ट्राईसाइकिल और अन्य सहायक उपकरणों के लिए प्रस्तावित किया है। यह पहल उन्हें शारीरिक रूप से सक्षम बनाने के साथ-साथ उनके आत्मवश्विास को भी बढ़ाएगी। तकनीक की सहायता से दिव्यांगजन अब नए अवसरों की ओर बढ़ सकेंगे।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं हर नागरिक का अधिकार हैं, लेकिन आर्थिक समस्याओं के कारण दिव्यांगजन अक्सर उचित इलाज से वंचित रह जाते हैं। इस समस्या को हल करने के लिए योगी सरकार ने 10 करोड़ रुपये की राशि असहाय दिव्यांग व्यक्तियों के इलाज के अनुदान योजना के लिए तय की है। इस अनुदान से दिव्यांगजन को समय पर आवश्यक चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।
इससे उनका जीवन सुगम होगा। इसके अलावा दिव्यांग बच्चों की देखभाल और शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने प्रदेश के 18 मंडलों में बचपन डे केयर सेंटर स्थापित किए हैं। इन केंद्रों में 3 से 7 वर्ष के श्रवणबाधित, मानसिक मंदित और दृष्टिबाधित बच्चों के लिए विशेष शिक्षा और देखभाल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना से दिव्यांग बच्चों को सही मार्गदर्शन मिलेगा, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे।
सूत्रों ने दावा किया कि योगी सरकार की यह पहल न केवल दिव्यांगजनों को सहायता प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें सम्मानजनक और आत्मनिर्भर जीवन जीने के लिए प्रेरित भी करेगी। सीएम योगी का मानना है कि विकास का असली अर्थ तभी है, जब समाज के सबसे कमजोर वर्ग की जरूरतें पूरी हों और उन्हें उनका अधिकार मिले। योगी की अगुवाई में मनरेगा योजना को इस तरह से लागू किया गया है कि दिव्यांगजन भी इस योजना के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकें।
मुख्यमंत्री का यह प्रयास प्रदेश के समग्र विकास और समाज के सभी वर्गों को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मनरेगा योजना के अंतर्गत दिव्यांगजन को उनकी योग्यता, क्षमता और कार्यकुशलता के अनुसार रोजगार प्रदान किया जा रहा है। समाज के इस वर्ग को भी आजीविका का समान अधिकार मिले इसके लिए सीएम योगी प्रयासरत हैं।
इसी के मद्देनजर वर्ष 2017-18 से लेकर अब तक 1.24 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को रोजगार देकर उनकी आजीविका को सशक्त बनाया गया है। इन दिव्यांगजनों के माध्यम से अब तक 44.64 लाख मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं।
मनरेगा योजना के अंतर्गत जरूरतमंद श्रमिकों को उनकी मांग के अनुसार 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। दिव्यांगजनों को उनकी जरूरतों और क्षमता के आधार पर कार्य सौंपा जा रहा है। यह योजना न केवल रोजगार प्रदान कर रही है, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता को भी बढ़ावा दे रही है।