Tokyo Olympics 2020 : पिता का सपना पूरा करने के लिए उन्हे अंतिम विदाई देने भी नही आई थी वंदना…
1 min readTokyo Olympics 2020 : भारतीय महिला हॉकी टीम ग्रेट ब्रिटेन से 4-3 से हार गई। इसी के साथ ही बेटियों का कांस्य पदक जीतने का सपना भी टूट गया। टीम के यहां तक के पहुंचने के संघर्ष को समझने के लिए हमें थोड़ा पीछे जाना होगा। भारतीय महिला हॉकी टीम का टोक्यो ओलंपिक में अर्जेंटीना से सेमीफाइनल मुकाबला था। इस मुकाबले पर पूरे देश की नंजरे थी। शुरूआत में लगा की भारत जीत के साथ इतिहास रचेगा। लेकिन अंत में बाजी पलटी और भारतीय टीम अर्जेंटीना से हार गई।
Tokyo Olympics 2020 : इस मुकाबले के साथ एक और चीज हुई जो किसी खिलाड़ी के लिए हार से भी जाता चोट पहुंचाने वाली थी। दरअसल, अर्जेंटीना से हारने के बाद हरिद्वार की रहने वाली वंदना कटारिया के घर पर हमला किया गया। साथ ही परिवारवालों को जातिसूचक गालियां दी गईं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जब एक खिलाड़ी मैदान पर होता है तो उसे कितने दबाव में अपने मुकाबले को खेलता होता है।
Tokyo Olympics 2020 : जब एक खिलाड़ी दूर देश में आपका प्रतिनिधित्व कर रहा हो और उसके परिवारवालों के साथ ऐसा व्यवहार हो तो यह सोच का विषय है। लेकिन वंदन ने हार नहीं मानी क्योंकि वह देश के लिए खेल रही थीं और उनकी नंजरें सिर्फ देश के लिए पदक लाने की थी इसलिए उन्होंने ब्रॉन्ज के मुकाबले में ब्रिटेन के खिलाफ एक गोल किया।
Tokyo Olympics 2020 : आपको बता दें कि वंदना कटारिया ओलंपिक में भारत की ओर से सबसे अधिक गोल करने वाली खिलाड़ी हैं। उन्होंने हैट्रिक सहित 4 गोल किए। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रोमांचक मुकाबले में उन्होंने तीन गोल किए थे। इस कारण टीम 4-3 से जीतने में सफल रही और क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। इसके अलावा गुरजीत कौर ने भी 4 गोल किए। वंदना और गुरजीत भारत की ओर से सबसे अधिक गोल करने वाली खिलाड़ी रहीं। ब्रॉन्ज का मुकाबला 2-2 से बराबर था, तब वंदना ने गोल करके भारतीय टीम को बढ़त दिलाई थी।
Tokyo Olympics 2020 : वंदना कटारिया के पिता का 30 मई को निधन हो गया। इस दौरान वह नेशनल कैंप में थीं। पिता की इच्छा थी कि बेटी ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीते। इस सपने को पूरा करने के लिए वंदना पिता की मौत के बाद घर नहीं आईं और तैयारियों में जुटी रहीं। 29 साल की वंदना ने एशियन गेम्स, एशिया कप और जूनियर वर्ल्ड कप में मेडल जीता है।