आजादी में मदरसों का महत्वपूर्ण योगदान, कई IAS, IPS अधिकारी दिए; SC के फैसले से गदगद मुस्लिम धर्म गुरु
1 min readसुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम को संवैधानिक मानते हुए इसकी वैधता को बरकरार रखा, जिसके बाद मुस्लिम धार्मिक नेताओं और विपक्षी पार्टियों ने इस निर्णय का स्वागत किया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली ने इसे मदरसों के लिए एक बड़ी राहत बताया। उन्होंने कहा, “सरकार द्वारा बनाया गया कानून कैसे असंवैधानिक हो सकता है? हजारों लोग इन मदरसों से जुड़े हुए हैं, और सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने उन्हें बड़ी राहत दी है। अब हम स्वतंत्र रूप से अपने मदरसे चला सकते हैं।”
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने भी इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि मदरसों ने देश को कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी दिए हैं। उन्होंने कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत करते हैं, जिसने इस अधिनियम को सही और न्यायपूर्ण ठहराया है। स्वतंत्रता संग्राम में मदरसों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है और इनसे कई आईएएस, आईपीएस, मंत्री और राज्यपाल निकले हैं। सभी मदरसों को शक की निगाह से देखना गलत है। यदि कोई मदरसा गलत राह पर है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन सभी मदरसों पर संदेह करना अनुचित है।”