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डीजीपी की चिंता छोड़ 2027 की तैयारी पर ध्यान दें अखिलेश तो बेहतर, भाजपा विधायक राजेश्चर सिंह की नसीहत

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उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के चयन की प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और विधायक राजेश्वर सिंह ने सपा प्रमुख को 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर ध्यान देने की सलाह दी है।

पहले आपको कार्यवाहक DGP होने पर परेशानी थी, अब नियमित DGP चयन की प्रक्रिया लागू किए जाने पर भी परेशानी है! योगी आदित्यनाथ के सशक्त नेतृत्व में यूपी की कानून व्यवस्था प्रत्येक परिस्थित में आदर्श है। पिछले सात साल में प्रदेश की कानून व्यवस्था अग्रणी बनी हुई है। अप्रैल 2024 तक 10902 इनकाउंटर में 197 अपराधी मारे गए और 6329 अपराधी घायल हुए। 904 अपराधियों के विरुद्ध NSA के अंतर्गत कार्रवाई हुई, 68 माफिया गैंग को पूरी तरह नष्ट किया गया है।

कहा कि पिछले 4 साल में माफियाओं की 3758 करोड़ से अधिक की संपत्ति ध्वस्त की गयी। 2401 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। 66575.75 हेक्टेयर अवैध संपत्ति मुक्त कराई गई। अवैध कब्जेदारों के विरुद्ध 4650 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

कहा कि यूपी में DGP चाहे स्थाई जो या कार्यवाहक, अपराधियों-माफियाओं के विरुद्ध यह कठोर कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी! उप्र सरकार द्वारा लागू नई प्रक्रिया के अंतर्गत DGP चयन के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय कमेटी गठित होगी। इसमें UPSC के सदस्य सहित UP PSC के अध्यक्ष सहित 6 महत्वपूर्ण सदस्य होंगे! कृपया प्रदेश हित में विकास के मुद्दों पर सार्थक बातें कीजिए एवं सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाइए और 2027 की तैयारियों पर ध्यान दीजिए!

गौरतलब है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज सुबह एक्स पर लिखा था कि सुना है किसी बड़े अधिकारी को स्थायी पद देने और और उसका कार्यकाल 2 साल बढ़ाने की व्यवस्था बनायी जा रही है। सवाल ये है कि व्यवस्था बनाने वाले ख़ुद 2 साल रहेंगे या नहीं। कहीं ये दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है। दिल्ली बनाम लखनऊ 2.0

अफसर से विधायक बने हैं राजेश्वर सिंह

राजेश्वर सिंह खुद पुलिस अफसर से विधायक बने हैं। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के ज्वाइंट डायरेक्टर रहे राजेश्वर सिंह वीआरएस लेकर बीजेपी ज्वाइन की थी। इसके बाद लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा सीट से टिकट मिला और विधायक बन गए। राजेश्वर सिंह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट होने के साथ ही अपने आईपीएस, आईएएस खानदान के लिए लिए भी काफी चर्चा में रहे हैं। राजेश्वर सिंह के पिता रणबहादुर सिंह यूपी पुलिस से डीआईजी के पद से रिटायर हुए थे। राजेश्वर की पत्नी लक्ष्मी सिंह आईपीएस अधिकारी हैं। 1994 में प्रांतीय पुलिस सेवा में चयन होने के बाद उनकी पहली तैनाती भी लखनऊ में ही हुई। वह लखनऊ में हजरतगंज, गोमतीनगर जैसे अहम सर्किल के सीओ रहे और ताबड़तोड़ एनकाउंटर करके उन्होंने बहुत जल्द अपनी पहचान एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में बना ली।

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