बिहार: 5 सेकेंड…घड़-घड़ की आवाज और मची चीख-पुकार, रघुनाथपुर ट्रेन हादसे की इनसाइड स्टोरी
1 min read12 अक्टूबर, दिन बुधवार, रात के साढ़े 9 बजे का वक्त…रघुनाथपुर स्टेशन पर सन्नाटा था. प्लेटफॉर्म पर 10-15 की संख्या में कुछ यात्री बैठे थे, जो कि ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे थे. स्टेशन के आसपास की कुछ दुकानें खुली थीं. रेलवे फाटक के पास टेंपो वाले सवारियों के आने का इंतजार कर रहे थे. तभी ठीक 9 बजकर 53 मिनट पर एक तेज रफ्तार में ट्रेन आई, फिर कुछ सेकेंड के अंदर ही स्टेशन पर चीख-पुकार मचने लगी. स्थानीय लोग दौड़े-दौड़े मौके पर पहुंचे, जिनमें कुछ टेंपो चालक भी थे. पता चला कि नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन डिरेल हुई है.
जैसे ही इस हादसे का पता आसपास के गांवों के लोगों को चला, भागे-भागे रघुनाथपुर स्टेशन पहुंचे. स्थानीय प्रशासन भी तत्काल मौके पर आया. पास में ही ब्रह्मपुर थाना पड़ता है. यहां से पुलिस की एक टीम भी पहुंची. लोग ट्रेन की बोगियों में फंसे लोगों को निकालने में जुट गए.
पटरियां उखड़ीं, कुछ डिब्बे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त
नॉर्थ ईस्ट एक्स के 21 कोच पटरियों से उतर आए थे, वहीं दो से तीन डिब्बे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए. पटरियां उखड़ चुकी थीं. एक कोच तो डिरेल होकर स्टेशन के पास बने घर के लगभग पास पहुंच गया, ऐसा लगा कि घर ही पूरा ध्वस्त हो जाएगा. घर में मौजूद लोग सहम गए. इस हादसे में प्लेटफॉर्म नंबर 3 को भी नुकसान पहुंचा है. हालांकि, इंजन ट्रैक से डिरेल जरूर हुआ, लेकिन वह खड़ा रहा. उसके आगे के पहिए बाहर निकल आए थे.