भयंकर चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ ने बदला रास्ता, गुजरात में भारी तबाही के आसार; अलर्ट मोड में सरकार
1 min readCyclone Biparjoy towards Gujarat: IMD के क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्र (RSMC) के एक बुलेटिन में कहा गया है कि भयंकर चक्रवात के कारण गुजरात तट पर अरब सागर में 2-3 मीटर ऊंची तूफानी लहरें उठेंगी।
Cyclone Biparjoy changes path towards Gujarat coast: अरब सागर में उठे चक्रवात बिपरजॉय, जो पहले पाकिस्तान के तट की ओर जाता हुआ प्रतीत हो रहा था, ने अब अपना रास्ता बदल लिया है। भयंकर तूफान में तब्दील हो चुका बिपरजॉय अब उत्तर-उत्तर-पूर्व दिशा में बढ़ता हुआ दिख रहा है। मौसम विज्ञान विभाग ने ताजा बुलेटिन में कहा है कि 15 जून को यह उत्तरी गुजरात तट से टकरा सकता है।
IMD के क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्र (RSMC) के एक बुलेटिन में कहा गया है कि भयंकर चक्रवात के कारण गुजरात तट पर अरब सागर में 2-3 मीटर ऊंची तूफानी लहरें उठेंगी। इसके अलावा तूफान से बड़े पैमाने पर नुकसान का अंदेशा जताया गया है। बुलेटिन में कहा गया है कि गुजरात के पश्चिमी तटीय जिलों में तूफान की वजह से भयंकर बारिश और बाढ़ से हालात उत्पन्न हो सकते हैं और कच्चे- पक्के घरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा छप्पर वाले घरों का विनाश, खड़ी फसलों और सड़कों को नुकसान, वृक्षारोपण और बागों को व्यापक नुकसान पहुंचने की आशंका जताई गई है। आईएमडी ने कहा है कि तूफान से रेलवे सेवा और बिजली सप्लाई के बाधित होने की संभावना है।
मौसम विभाग के मुताबिक, बिपरजॉय जो पहले से ही “बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान” के रूप में तब्दील हो चुका है, रविवार की शाम मुंबई से लगभग 540 किमी पश्चिम में स्थित था। यह ताकत के हिसाब से दूसरी सबसे ऊंची श्रेणी का तूफान है। पहले उम्मीद जताई गई थी कि प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’पाकिस्तान के कराची के आसपास टकराएगा। अब रास्ता बदलने से यह गुजरात के कच्छ जिले और पाकिस्तान के कराची तट के बीच 15 जून को टकरा सकता है।
इस संभावना के मद्देनजर गुजरात सरकार राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) एवं राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के दलों को तटीय इलाकों में तैनात कर रही है तथा छह जिलों में आश्रय केंद्र स्थापित करेगी। तूफान तटीय क्षेत्र में किस स्थान पर जमीन से टकराएगा, उसके बारे में आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट होगी।
रविवार की शाम जारी चक्रवात बुलेटिन में कहा गया है, “14 जून की सुबह तक तूफान के लगभग उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है, फिर यह उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर बढ़ सकता है और 15 जून की दोपहर तक गुजरात में मांडवी और पाकिस्तान में कराची के बीच सौराष्ट्र और कच्छ और पाकिस्तान के आस-पास के तटों से टकरा सकता है।
एक अधिकारी ने बताया कि 13 से 15 जून के बीच भारी बारिश होने और 150 किलोमीटर (किमी) प्रति घंटा की रफ्तार तक हवा बहने से कच्छ, जामनगर, मोरबी, गिर सोमनाथ, पोरबंदर, और देवभूमि द्वारका जिलों के चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को कहा कि सौराष्ट्र-कच्छ और कराची तट से 15 जून को दोपहर 125-130 किमी प्रति घंटा से लेकर 150 किमी प्रति घंटा तक की गति वाली हवा के साथ चक्रवात के गुजरने की अत्यधिक संभावना है।
राहत आयुक्त आलोक पांडे ने संवाददाताओं से कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तटीय जिलों के जिलाधिकारी, सेना, नौसेना और भारतीय तटरक्षक के प्रतिनिधियों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की है। पांडे ने कहा कि विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे तटीय जिलों में चक्रवात के प्रभाव को कम करने के लिए पहले से तैयारी करें और समन्वय स्थापित करें।
उन्होंने कहा कि इसके प्रभाव से निपटने के लिए गुजरात सरकार तटीय क्षेत्रों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीम को तैनात कर रही है। साथ ही, सरकार तट रेखा से 5-10 किमी के दायरे में रहने वाले लोगों के लिए छह जिलों में आश्रय स्थल स्थापित करेगी। पांडे ने कहा, ”बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना वाले जिलों के जिलाधिकारियों के साथ समन्वय में अधिकतम संभव राहत व बचाव कार्य करने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने यह जिम्मेदारी तटीय जिलों के वरिष्ठ मंत्रियों को दी है, जो चक्रवात के संभावित प्रभाव को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन कार्य की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने में स्थानीय प्रशासन की मदद करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में ऋषिकेश पटेल, कानूभाई देसाई,राघवजी संघवी, जगदीश विश्वकर्ता और पुरषोत्तम सोलंकी को उन जिलों में पहुंचने का निर्देश दिया है, जहां की उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है।
आईएमडी ने कच्छ, देवभूमि, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरी जिलों में 14 और 15 जून को भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है। आईएमडी ने बुलेटिन में कहा कि 14 जून को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने और प्रभावित जिलों में 15 जून को छिटपुट स्थानों पर बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा कि पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर सक्रिय “बिपरजॉय” रविवार शाम साढ़े चार बजे आठ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ गया।
आईएमडी ने प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को पूरी तरह से रोकने की सलाह दी है और मछुआरों को 12 से 15 जून के बीच मध्य अरब सागर और उत्तरी अरब सागर तथा 15 जून तक सौराष्ट्र-कच्छ तटों के पास न जाने का निर्देश दिया गया है। आईएमडी ने समुद्र में उतरे लोगों को तट पर लौटने और अपतटीय एवं तटवर्ती गतिविधियों को विवेकपूर्ण ढंग से नियंत्रित करने की सलाह दी है।
इसने कहा कि सौराष्ट्र और कच्छ तट से लगे समुद्र में जल बुधवार तक अस्थिर रहेगा और बृहस्पतिवार को यह और बढ़ जाएगा। मौसम विभाग ने कहा, ”उपरोक्त जानकारी के मद्देनजर, राज्य सरकारों को सलाह दी जाती है कि वे अपने क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखें, नियमित रूप से स्थिति की निगरानी करें और उचित एहतियाती कदम उठाएं। जिला अधिकारियों को स्थिति के अनुसार कदम उठाने की सलाह दी जाती है।”