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IIT से निकले वो 11 छात्र, जिन्होंने देश में पाया अलग मुकाम; दुनियाभर में बजाया डंका

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) देश का एक प्रतिष्ठित संस्थान है और इससे निकलने वाले ‘हीरे’ न सिर्फ देश बल्कि दुनिया के कोने-कोने में भारत को गर्व महसूस करा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं ऐसे 11 धुरंधरों की जो आईआईटी से निकले और न सिर्फ आईटी क्षेत्र बल्कि, राजनीति और फिल्म जगत की दुनिया में अपनी चमक बिखेर रहे हैं। आइए नजर डालते हैं इन 11 लोगों पर जिन्होंने IIT से पढ़ाई की और भारत का नाम दुनियाभर में रोशन किया।

IIT और IIM के वो छात्र जिन्होंने बदल दी दुनिया - students of iims and iits  who changes the world - AajTak

आईआईटी से निकले इन 11 धुरंधरों में अरविंद केजरीवाल, रघुराम राजन और जितेंद्र कुमार के नाम शामिल हैं। इसके अलावा अमेरिका के सबसे अमीर लोगों में शामिल विनोद खोसला भी हैं। देश की सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों के लेखक चेतन भगत भी आईआईटी से निकले हैं।

आईआईटी मद्रास फिर बेस्ट, आईआईएम रांची छाेड़ झारखंड के सभी संस्थानाें की  रैंकिंग गिरी | IIT Madras is the best, IIM Ranchi and all the institutes of  Jharkhand have dropped their ...

आईआईटी खड़गपुर से पासआउट केजरीवाल 
16 अगस्त, 1968 को हरियाणा के सिवानी में एक उच्च-मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे अरविंद केजरीवाल इस वक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। अरविंद केजरीवाल ने IIT खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी। आज वो आम आदमी पार्टी के संयोजक भी हैं और उनकी पार्टी देश के दो राज्यों दिल्ली और पंजाब में सरकार बना चुकी है। आम आदमी पार्टी को हाल ही में चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया था।

आरबीआई गवर्नर रहे रघुराम गोविंदा राजन
देश के मशहूर अर्थशास्त्री और भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम गोविंदा राजन ने IIT दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया था। 1985 में स्नातक के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले छात्र के रूप में उन्हें संस्थान में स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया गया था। आरबीआई के गवर्नर रहते हुए रघुराम राजन के कई फैसले पूंजीपतियों और अरबपतियों को पसंद नहीं आई। उनके समर्थक कहते हैं कि उन्होंने  सारे बैंको को कहा था कि वे अपनी बैलेंस शीट, अपना खाता साफ़ करें. ये बात बड़े बड़े पूंजीपति और बड़े बड़े कॉरपोरेट घरानों के मालिकों को पसंद नहीं आई, जिन पर उंगली उठाई गई। एनपीए यानी नॉन-परफॉर्मिंग ऐसेट को ख़त्म करने की बात की। एनपीए मतलब ऐसे ऋण जिन्हें लोग बैंक से लेते तो हैं लेकिन वापस नहीं करते।

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