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Inflation: महंगाई की मार से दुनिया बेहाल, अमेरिका के बाद ब्रिटेन में मुद्रास्फीति दर 30 साल के शिखर पर पहुंची

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भारत-अमेरिका और पाकिस्तान समेत दुनियाभर में महंगाई की मार से लोग बेहाल हैं। जहां अमेरिका में महंगाई ने 40 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, वहीं अब ब्रिटेन में मुद्रास्फीति दर 30 साल के शिखर पर पहुंच चुकी है। जनवरी में यहां उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) 5.5 फीसदी रहा।

1992 के बाद सबसे ज्यादा महंगाई
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से महंगाई के आंकड़े पेश करते हुए कहा गया कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जनवरी में बढ़कर 5.5 फीसदी पर पहुंच गया, दिसंबर में यह 5.4 फीसदी पर था। नया आंकड़ा बीते 30 साल के बाद सबसे ऊंचा स्तर है। बता दें कि मार्च, 1992 में ब्रिटेन में महंगाई का स्तर अपने सबसे उच्च स्तर पर पहुंचा था उस समय मुद्रास्फीति की दर 7.2 फीसदी पर पहुंच गई थी।

वित्त मंत्री ने बताया वैश्विक चुनौती
ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने कहा है कि हम समझते हैं कि ये वैश्विक चुनौतियां हैं, जैसे-जैसे मुद्रास्फीति दशकों में उच्चतम स्तर पर पहुंचती है, श्रमिकों के वेतन में वृद्धि होती है, केंद्रीय बैंक यह तय कर रहे हैं कि ब्याज दरों को कितनी तेजी से बढ़ाया जाए। गौरतलब है कि बैंक ऑफ इंग्लैंड ने इस महीने की शुरुआत में मुद्रास्फीति को कम करने के उद्देश्य से लगातार दूसरी बार अपनी मुख्य ब्याज दर में वृद्धि की थी।

7.25% पर पहुंचेगी मुद्रास्फीति दर
बैंक ऑफ इंग्लैंड ने पिछले महीने कहा था कि अभी महंगाई में उछाल जारी रहेगा। केंद्रीय बैंक ने अप्रैल में ब्रिटेन की वार्षिक मुद्रास्फीति दर 7.25 प्रतिशत के शिखर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है। बैंक ऑफ इंग्लैंड इंट्रेस्ट रेट में पहले ही दो बार बढ़ोतरी कर चुका है। जहां पहली बार इसे दिसंबर में 0.10 फीसदी से बढ़ाकर 0.25 फीसदी किया गया था, वहीं बीती तीन फरवरी को इसमें इजाफा करते हुए 0.50 फीसदी कर दिया गया था। अब इसमें और इजाफे की उम्मीद है।

यूएस में महंगाई ने रिकॉर्ड तोड़ा
अमेरिका में महंगाई की मार ने लोगों को बेहाल कर दिया है। यहां महंगाई ने बीते 40 सालों के नए उच्च स्तर को छू लिया है। अमेरिका में जनवरी में मुद्रास्फीति की दर 12 महीने पहले की तुलना में बढ़कर 7.5 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। साल दर साल बढ़त का ये आंकड़ा इससे पहले फरवरी 1982 में देखने को मिला था।

भारत में महंगाई का हाल
खुदरा महंगाई दर जनवरी में नई ऊंचाई पर पहुंच गई। सरकारी की ओर से जारी डेटा के मुताबिक, पिछले महीने खाद्य उत्पादों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी की वजह से खुदरा मंहगाई दर में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। जनवरी में यह 6.01 फीसदी तक पहुंच गई, जबकि दिसंबर में यह दर 5.66 पर थी। यह आरबीआई की ओर से सालाना आधार पर तय किए गए मुद्रास्फीति लक्ष्य से भी ज्यादा है। वहीं देश में थोक महंगाई 12.96 फीसदी पर है। पिछले दस महीनों से ये दोहरे अंकों में बनी हुई है

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