चाय पीने उतरा चालक और भाग गई ट्रेन, 100 की स्पीड में 84 किमी दौड़ी
1 min readकंक्रीट से लदे 53 कंटेनरों वाली एक मालगाड़ी रविवार सुबह कठुआ से पठानकोट के बीच बिना पायलट के 84 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक दौड़ती रही। रेलवे को जब घटना की सूचना मिली तो हड़कंप मच गया। इस दौरान ट्रेन की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा थी। शुरुआती जांच में पता लगा है कि पायलट चाय पीने के लिए उतरा था और इंजन बंद करना भूल गया। ट्रेन को पंजाब के मुकेरियां के ऊंची बस्सी इलाके में रोका गया। फिलहाल गनीमत रही कि इस दौरान कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। रेलवे ने घटना पर सख्ती बरतते हुए जांच शुरू कर दी है। इस घटना का सोशल मीडिया पर वीडियो भी सामने आया है।
जम्मू रेलवे स्टेशन के निदेशक और मंडल यातायात प्रबंधक, प्रतीक श्रीवास्तव ने कहा, रेलवे को मुकेरियां के ऊंची बस्सी में मालगाड़ी ट्रेन को रोकने के लिए अपने सभी कर्मचारियों को सतर्क करना पड़ा। यह घटना कैसे हुई, यह जानने के लिए कठुआ स्टेशन पहुंचे श्रीवास्तव ने कहा, “दोषी पाए जाने पर लोको पायलट के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी।”
अधिकारी ने कहा, “फिलहाल, हम घटना के पीछे के कारणों की जांच कर रहे हैं। स्थानीय जांच के अलावा, रेलवे ने उच्च स्तरीय जांच के भी आदेश दिए हैं। हम विस्तृत जांच करेंगे और सख्त कार्रवाई करेंगे और साथ ही यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा भविष्य में न हो” उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि मालगाड़ी बिना लोको पायलट के थी।
ढलान होने के कारण 100 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ती रही ट्रेन
पठानकोट की ओर ढलान होने के कारण ट्रेन अपने आप चलने लगी और धीरे-धीरे 100 किमी प्रति घंटे तक की गति पकड़ ली। श्रीवास्तव ने कहा, “अब लोको पायलट इंजन पर क्यों नहीं था और ट्रेन अपने आप कैसे चलने लगी, इन सभी पहलुओं की जांच की जाएगी।” हालांकि डीटीएम ने कहा कि रेलवे ने ट्रेन को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया।
उन्होंने कहा, “हमने सभी स्टेशनों को सतर्क किया और पूरे स्टाफ को तैनात कर दिया। ट्रेन को किसी भी दुर्घटना से बचाने और उसे सुरक्षित पड़ाव पर लाने के लिए एक रेल ट्रैक तैयार किया गया। हम सफल हुए और ट्रेन को आखिरकार मुकेरियां के उच्छी बस्सी में रोक दिया गया।” श्रीवास्तव ने बिना किसी हादसे के ट्रेन रोके जाने के लिए स्टाफ की सराहना की है।