चंद्रयान-3 के बाद ISRO ने फिर रचा इतिहास, XPoSat लॉन्च; खोलेगा ब्लैक होल के राज
1 min readISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने 2024 की धमाकेदार शुरुआत कर दी है। स्पेस एजेंसी ने पहले ही दिन सोमवार को एक्स-रे पोलरीमीटर सैटेलाइट (XPoSat) सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। ऐतिहासिक चंद्रयान-3 की तरह इस लॉन्चिंग का गवाह भी आंध्र प्रदेश का श्रीहरिकोटा बना। ब्लैक होल्स की स्टडी के मामले में यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का दूसरा देश बन गया है।
XPoSat अंतरिक्ष की यात्रा कर ब्लैक होल जैसी खगोलीय रचनाओं के रहस्यों से पर्दा उठाएगा। अक्टूबर में गगनयान परीक्षण यान ‘डी1 मिशन’ की सफलता के बाद यह प्रक्षेपण किया जा रहा है। इस मिशन का जीवनकाल करीब पांच वर्ष का होगा। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी58 रॉकेट अपने 60वें अभियान पर प्रमुख पेलोड ‘एक्सपोसैट’ और 10 अन्य उपग्रह लेकर जाएगा जिन्हें पृथ्वी की निचली कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा।
अमेरिका के बाद दूसरा देश
XpoSat एक्स-रे स्रोत के रहस्यों का पता लगाने और ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा। इसरो के अनुसार, यह खगोलीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का अंतरिक्ष आधारित ध्रुवीकरण माप में अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है। ISRO के अलावा US की अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने दिसंबर 2021 में सुपरनोवा विस्फोट के अवशेषों, ब्लैक होल से निकलने वाली कणों की धाराओं और अन्य खगोलीय घटनाओं का ऐसा ही अध्ययन किया था।
एक्सपोसैट के पोलेड्स
POLIX: इसरो की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, पोलिक्स 8-30keV के एनर्जी बैंड में एक एक्स-रे पोलरीमीटिर है। इस पेलोड को बेंगलुरु के रामम रिसर्च इंस्टीट्यूट (RRI) ने यूआर राव सैटेलाइट (URSC) के साथ मिलकर तैयार किया है। यह उपकरण कॉलिमेटर से बना है।
XSPECT: एक्सपेक्ट एक एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग पेलोड है, जो सॉफ्ट एक्स-रे में अच्छी टाइमिंग और बढ़िया स्पेक्ट्रोस्कॉपिक रिजॉल्युशन प्रदान करता है।