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उप्र में कृषि विभाग को नहीं मिल पा रहा स्थायी कृषि निदेशक

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उत्तर प्रदेश सरकार में कृषि विभाग को स्थाई कृषि निदेशक नहीं मिल पा रहा है। हालांकि, बीते 31 अगस्त को कृषि निदेशक विवेक कुमार सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद विभाग के सचिव डॉ राजशेखर को कृषि निदेशक का अस्थायी प्रभार दिया गया है, लेकिन कुछ किसानों का कहना है कि बगैर स्थायी कृषि निदेशक के किसान हित की योजनाओं के क्रियान्वयन में दिक्कतें आ रही हैं।

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हिमांशु शेखर अवस्थी के नेतृत्व में हिन्दुस्थान समाचार के कार्यालय पहुंचे प्रगतिशील किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि सीधे किसानों से जुड़ा विभाग होने के नाते कृषि निदेशक का पद बड़ा ही महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में स्थायी कृषि निदेशक न होने से विभाग की तमाम किसान हित वाली योजनाएं प्रभावित होती हैं। उनका प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो पाता है।

प्रगतिशील किसान हिमांशु शेखर कहते हैं कि विभागीय सूत्रों की माने तो कृषि विभाग में निदेशक स्तर के समकक्ष पांच पद होते हैं जिनमें से वरिष्ठता, कार्यकुशलता, योग्यता, आचरण और बचे हुए सेवाकाल के आधार पर ही उन्ही पांच अधिकारियो में से किसी एक को कृषि निदेशक के पद पर तैनात किया जाता है। लेकिन, इस बार की स्थिति कुछ अलग ही लग रही है। सूत्रों के हवाले से उन्होंने बताया कि नए कृषि निदेशक की स्थायी तैनाती में प्रदेश के कृषि मंत्री की पसंद-नापसंद भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।

उन्होंने बताया कि पूर्व निदेशक के सेवानिवृत्त होने के बाद पहली सितम्बर तक नए कृषि निदेशक की तैनाती हो जानी चाहिए थी, लेकिन करीब 25 दिन बीतने के बाद भी अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है। हालांकि विभागीय सूत्र बताते हैं कि कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते इस बार नए कृषि निदेशक की नियुक्ति में विलंब हो रहा है।

वहीं, कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. देवेश चतुर्वेदी ने इस संबंध में पूछने पर बताया कि शीघ्र ही नए कृषि निदेशक की तैनाती कर दी जाएगी।

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