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नगर पालिका परिषद गौरा बरहज में कूड़ा स्टोर के लिए खरीदी गई जमीन मामले में की गई भारी लूट

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जमीन मालिक से मिली भगत करके उसके खाते में भेजा धन, फिर डील की रकम कैश के रूप में लिया वापस

देवरिया। जनपद के नगर पालिका परिषद गौरा बरहज में कूड़ा स्टोर के लिए खरीदी गई जमीन मामले में भारी लूट का मामला सामने आया है। सर्किल रेट से अधिक दर का निर्धारण कर मुआवजा देने की बात सामने आ रही है। इस मामले में जमीन मालिक से मिली भगत करके उसके खाते में डील के रुपए को भेज पुन: डील की रकम कैश के रूप में वापस ले ली गई।

नगर पालिका परिषद् गौरा बरहज में कूड़ा निस्तारण के लिए कोई स्थान नहीं होने की वजह से घनी आबादी और सड़क पर कूड़ा लोगों को फेंकना पड़ता था। शहर के 25 वार्डों से हर रोज निकलने वाला करीब 40 टन कूड़ा पैना रोड बाइपास व अन्य खुले स्थानों पर फेंका जाता था । इससे जहां सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को झटका लग रहा था, वहीं नगर की आबो-हवा भी प्रदूषित हो रही थी । इसका संज्ञान लेते हुए शासन ने वर्ष-2018 में जनपद के प्रत्येक निकाय में कूड़ा निस्तारण के लिए जमीन की व्यवस्था करने या जरूरत पड़े तो खरीदने का निर्देश दिया था । शासन की स्वीकृति के बाद नगर पालिका परिषद् गौरा बरहज ने मौजा- रायपुर चकलाल, तप्पा- रायपुरा, परगना- सलेमपुर मझौली, तहसील- बरहज मौजूद कूड़ा निस्तारण के लिए जमीन ख़रीदा है, ताकि कूड़ा स्टोर हो सके I भाजपा मछूआरा प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश सह संयोजक जीतेन्द्र भारत ने कूड़ा स्टोर के लिए नगर पालिका द्वारा खरीदी गई जमीन में खेल होने का आरोप लगाते हुए डीएम को पत्र दिया है।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि लो-लैंड व बाढ़ग्रस्त की 3 एकड़ से ऊपर की जमीन 5 करोड़ से ऊपर की कीमत में खरीदी गई है , जो जमीन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के मानक के विपरीत भी है। 2 नवम्बर 2021 को उक्त कूड़ा निस्तारण के लिए आराजी संख्या-103, रकबा- 1.198 हे. में 103 हव व हिस्सा सम्पूर्ण- 0.198 हे. अपनी जमीन को नेहरूलाल पुत्र स्व. रामछबीला साकिन -पटेल नगर, पोस्ट व तहसील- बरहज, हा.मु. महादेव विल्डिंग डोवली, महाराष्ट्र ने नगर पालिका परिषद् गौरा बरहज के पक्ष में   7600000.00 में रजिस्ट्री/बैनामा पंजीकरण. 2582/2021, आवेदन संख्या- 202100961003301) किया है। इस प्रकार से औने-पौने दाम पर बिकने वाली लो-लैंड बाढ़ग्रस्त जमीन को मिलीभगत करके सर्किल रेट से अधिक बेशकीमती दाम पर भूमि की खरीद-बिक्री की गई, ताकि शासन के धन को बड़े पैमाने पर बंदरबांट कर लूटा जा सके, जब कि रामजानकी मार्ग (NH-227A) के चौड़ीकरण के लिए सलेमपुर व बरहज के 41 गावों की भूमि अधिग्रहित की गई है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को चार तो अर्धनगरीय व विशिष्ट ग्रामों के प्रभावित किसानों को दो गुना की दर से मुआवजा देने का निर्धारण किया गया है।रायपुर चकलाल बांगर के लिए 86774444 रुपये प्रति हेक्टेयर का दर निर्धारित किया गया है।

वर्ष-2023 में बरहज का मुख्य रामजानकी मार्ग (NH-227A) के चौड़ीकरण के लिए इतनी कम कीमत पर किसानों की भूमि अधिग्रहित की जा रही है तो वर्ष 2020-21 में लो-लैंड की बाढ़ग्रस्त जमीन को इतने बेशकीमती दर पर कैसे नगर पालिका प्रशासन द्वारा क्रय किया गया ? रामजानकी मार्ग में पड़ने वाले किसानों को चार व दो गुना रेट का निर्धारण होने के बावजूद इतना कम मुआवजा मिल रहा है तो कूड़ा निस्तारण वाले भूमि बिक्रेताओं को सिंगल रेट निर्धारण के बाद भी इतना अधिक मुआवजा कैसे प्राप्त हो गया ?

एक तरफ भ्रष्टाचार के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार जीरो टालरेंस निति पर कार्य कर रही है वहीँ बरहज नगर पालिका में कूड़ा निस्तारण को लेकर खरीदी गई जमीन में मिली-भगत करके करोड़ों रुपये के सरकारी धन का बंदरबांट व लूट कर लिया गया है।

भारत ने कूड़ा निस्तारण के लिए खरीदी गई जमीन में हुए करोड़ों रुपये के लूट व बंदरबांट की उच्चस्तरीय जाँच कराकर मिलीभगत करके हडपे गए सरकारी धन की रिकवरी कराये जाने व दोषियों पर वैधानिक कार्यवाही कराने की मांग की है।

 

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