शराब घोटाले में ताबड़तोड़ ऐक्शन, सिसोदिया से तिहाड़ में ED की पूछताछ; करीबी का CBI से सामना
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दिल्ली के शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की चौतरफा घेराबंदी हो गई है। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) मनीष सिसोदिया के करीबी सहयोगी देवेंद्र से पूछताछ कर रही है।
दिल्ली के शराब घोटाले में केंद्रीय जांच एजेंसियों ने ताबड़तोड़ ऐक्शन शुरू कर दिया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करके तिहाड़ तक पहुंचाने के बाद सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) अब उनके निजी सचिव (पीएस) देवेंद्र शर्मा से पूछताछ कर रही है। देवेंद्र से पूछताछ ऐसे समय पर हो रही है जब सिसोदिया से तिहाड़ जेल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अफसर सवाल-जवाब में जुटे हैं। इससे पहले हैदराबाद के एक शराब कारोबारी को ईडी ने हिरासत में लिया है।
ईडी ने शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में मंगलवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया। ईडी के अधिकारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत सिसोदिया का बयान दर्ज करने के लिए तिहाड़ जेल पहुंचे। बताया जा रहा है कि ईडी को सिसोदिया से तीन दिन तक पूछताछ की अनुमति मिली है। ऐसी संभावना है कि एजेंसी ने उनसे कथित तौर पर सेलफोन बदलने और उन्हें नष्ट करने और दिल्ली के आबकारी मंत्री के तौर पर लिए नीतिगत निर्णयों और समयसीमा का पालन किए जाने को लेकर पूछताछ की।
ईडी ने अदालत में दाखिल अपने पूरक आरोपपत्र में ये आरोप लगाए थे। अगर जांच अधिकारी को ‘यह मानने की वजहें’ मिलती हैं कि व्यक्ति मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का ‘दोषी’ है तो ईडी पीएमएलए की धारा 19 लगा सकती है जिसके तहत उसे मामले में शामिल या आरोपी लोगों को गिरफ्तार करने की अनुमति मिल जाती है। सीबीआई ने सिसोदिया की हिरासत के दौरान आबकारी नीति में कथित गड़बड़ी के संबंध में उनका सामना उनके पूर्व सचिव सी अरविंद और तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण से कराया था।
सीबीआई ने पिछले साल 25 नवंबर को दर्ज किए गए मामले के आरोपपत्र में सिसोदिया को आरोपी के तौर पर नामजद नहीं किया। ऐसा आरोप है कि दिल्ली सरकार की शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 की आबकारी नीति से उद्यमियों को सांठगांठ करने का अवसर दिया गया और कुछ डीलरों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर घूस दी। बहरहाल, आम आदमी पार्टी (आप) ने इस आरोप का जोरदार खंडन किया है। बाद में यह नीति रद्द कर दी गयी और दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत आरोपियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया।
इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी ने इस मामले में एक और गिरफ्तारी की है। उसने सोमवार की शाम को हैदराबाद के शराब कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई को हिरासत में लिया है। अरुण पिल्लई को लंबी पूछताछ के बाद सोमवार शाम को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया। ईडी द्वारा इस मामले में यह 11वीं गिरफ्तारी है। पिल्लई ‘रॉबिन डिस्टिलरीज एलएलपी’ नामक कंपनी में साझेदार हैं। ईडी ने दावा किया कि यह कंपनी तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी एवं विधान परिषद सदस्य के. कविता और अन्य से जुड़े कथित शराब कार्टल ‘साउथ ग्रुप’ का प्रतिनिधित्व करती है। पिल्लई गिरफ्तार शराब कारोबारी समीर महंदरू, उनकी पत्नी गीतिका महंदरू और उनकी कंपनी इंडोस्प्रिरिट ग्रुप से भी जुड़ा है। सूत्रों ने बताया कि पिल्लई को एक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा, जहां ईडी पूछताछ के लिए उनकी हिरासत देने का अनुरोध करेगी।