कौन है पाकिस्तान के इशारे पर NSA अजीत डोभाल की रेकी करने वाला जैश आतंकी मलिक
1 min readपाकिस्तान स्थित आतंकवादी भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल पर हमले की फिराक में हैं। इस बात का खुलासा खुद जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने की है। अजीत डोभाल को निशाना बनाने के उद्देश्य से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी हिदायत उल्लाह-मलिक ने उनके दफ्तर और दिल्ली स्थित अन्य ठिकानों की रेकी तक की है और इसका वीडियो सीमा पार स्थित अपने हैंडलर को भेजा है। इस खुलासे के बाद न सिर्फ सुरक्षा बढ़ा दी गई है, बल्कि सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट हो गई हैं। हिदायत उल्लाह-मलिक कोई छोटा-मोटा आतंकी नहीं है, बल्कि जैश का ही एक अन्य संगठन लश्कर-ए-मुस्तफा का सरगना भी है।
जैश आतंकी मलिक जम्मू-कश्मीर के शोपियां का रहने वाला है। इसी महीने 6 फरवरी को जैश ऑपरेटर मलिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। मलिक के खिलाफ जम्मू के गंग्याल पुलिस स्टेशन में धारा 18 और 20 यूएपी अधिनियम के तहत एक केस दर्ज किया गया है, जिसकी एफआईआर नंबर- 15/2021 है। मलिक जैश फ्रंट समूह के लश्कर-ए-मुस्तफा का प्रमुख है। पुलिस ने जब आतंकी मलिक को अनंतनाग में गिरफ्तार किया था, तब उसके पास से हथियार और गोला बारूद बरामद किए गए थे।
हिन्दुस्तान टाइम्स को मिली जानकारी के मुताबिक, हिदायत मलिक ने पुलिस के सामने पूछताछ के दौरान बताया कि 24 मई 2019 को उसने NSA के कार्यालय समेत केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के सुरक्षा विस्तार का एक जासूसी वाला वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए इंडिगो की फ्लाइट से श्रीनगर से नई दिल्ली आया था। उसने एनएसए के दफ्तर की रेकी करने के बाद उस रिकॉर्ड किए गए वीडियो को व्हाट्सऐप के जरिए अपने पाकिस्तान स्थित हैंडलर को फॉर्वरड किया था। दिल्ली में रेकी करने और वीडियो पाकिस्तान भेजने के बाद मलिक बस में बैठकर कश्मीर वापस लौट गया।
मलिक की काली कुंडली के स्याह पन्ने और भी हैं। पुलवामा आतंकी हमले के दौरान भी उसने रेकी की थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस की पूछताछ में स्वीकार किया है कि उसने आतंकी समीर अहमद डार के साथ 2019 में गर्मी के समय सांबा सेक्टर सीमा क्षेत्र की टोह (रेकी) थी। अहमद डार वही है, जिसे 21 जनवरी, 2020 को पुलवामा आतंकी हमले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
इतना ही नहीं, आतंकी मलिक ने मई 2020 में कश्मीर में एक आत्मघाती हमले के लिए एक हुंडई सैंट्रो कार दी थी और उसने स्वीकार किया कि उसने और तीन अन्य जैश आतंकवादियों- इरफान ठोकर, उमर मुश्ताक और रईस मुस्तफा- ने शोपियां में नवंबर 2020 में जम्मू-कश्मीर बैंक के कैश वैन से 60 लाख रुपये लूट लिए। इसके अलावा, आतंकी मलिक ने जैश ऑपरेटर आशिक अहमद नगरू को दिसंबर 2018 और जनवरी 2019 के बीच सांबा सेक्टर के माध्यम से भारत से भगाने में मदद की थी।
मलिक 31 जुलाई 2019 को हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था। फरवरी 2020 में जैश में आने से पहले जैश के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर के रूप में काम किया और फिर उसी साल अगस्त में एक अलग आतंकी फ्रंट ग्रुप खड़ा किया। 6 फरवरी को गिरफ्तारी के दौरान पुलिस के सामने उसने यह भी बताया कि जम्मू शहर में वह एक बड़े आतंकी हमले की फिराक में था। पुलवामा आतंकी हमले में भी यह आरोपी है