‘किस’ क्यों करते हैं, कहां से आया चुंबन का चलन
1 min readरुक रुक कर गहरी सासें लेना. दिल का ज़ोर ज़ोर से धड़कना और पुतलियों का फ़ैल जाना. ये सब उस दौरान होता है जब आप एक दूसरे के होठों पर एक किस करते हैं.
लेकिन किस करने से ऐसा क्यों होता है कि आपके शरीर में उत्तेजना पैदा होती है? इसे समझने की ज़रूरत है.
जब दो लोग एक दूसरे को होठों पर किस करते हैं तो इसमें सबसे पहले आपको स्पर्श की अत्यंत अनोखी अनुभूति होती है.
ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि आपके होठ बेहद संवेदनशील होते हैं.
जननांग के कुछ हिस्सों को छोड़ दें तो हमारे होठों के सिरे पर इतने नर्व न्यूरॉन्स होते हैं जितने शरीर के किसी अन्य भाग पर नहीं होते. फिर यहां स्वाद भी है.
हर व्यक्ति के होठ पर एक ख़ास स्वाद होता है. कुछ लोग स्वाद को पहचानने में दूसरों से बेहतर होते हैं और निश्चित रूप से हर व्यक्ति का एक गंध भी होता है.
हम किस क्यों करते हैं, इसे लेकर कई सिद्धांत हैं. लेकिन इनमें से कुछ धरती पर हमारे शुरुआती अनुभवों से जुड़े हो सकते हैं.
जब हम छोटे होते हैं तो हमारे माता-पिता हमें चूमते हैं. उनके साथ ही हमारे लालन पालन के दौरान अन्य कई और लोग हमें चूमते हैं.
उस दौरान कई होठों के चुंबन स्पर्श से निकली उत्तेजना हमारे मस्तिष्क को कई सकारात्मक तरंगें भेजती हैं.
इससे हमारा मस्तिष्क बचपन के समय से ही ‘किस’ यानी चुंबन और होठों की उत्तेजना को प्यार और सुरक्षा के भाव के तौर पर चिह्नित करता है.
तो इस तरह जब आगे की ज़िंदगी में हम ख़ुद को अभिव्यक्त करना चाहते हैं तो मुमकिन है कि ऐसा अपने मुंह के ज़रिए करते हैं.
हम ये खोजने की कोशिश करते हैं कि मनुष्यों के बीच पहला चुंबन कब, कहां और कैसे हुआ होगा.
हम ये जानते हैं कि अन्य प्रजातियों के नर, वयस्क महिलाओं के मद चक्र (estrus) के दौरान उनके शरीर के निचले भाग की ओर आकर्षित होते हैं.