डीएम आवास का बोर्ड बदलना पीडब्ल्यूडी के जेई को पड़ा भारी
1 min readउत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण के चुनाव से ठीक एक दिन पहले 2 मार्च 2022 को अयोध्या (Ayodhya) के डीएम नितीश कुमार (DM Nitish Kuamar) के के आवास का बोर्ड बदला गया तो इसके कई सियासी मायने निकाले जाने लगे थे. बोर्ड पहले भगवा रंग का था लेकिन बाद में उसका कलर हरा कर दिया था । सोशल मीडिया पर तेजी के साथ ये फोटो वायरल होने लगी और सियासी तूफान खड़ा होने ही लगा था कि डीएम ने कुछ ही घंटों के अंदर बोर्ड को बदलवा दिया। बताया गया कि डीएम ने बोर्ड के रंग को बदलने को लेकर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को फटकार लगाई।इसके बाद फिर से एक बार बोर्ड को भगवा रंग में ही रंग दिया गया. इस मामले में पीडब्ल्यूडी के जेई अजय कुमार शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है।
राजनीति में रंगो का खास महत्व है. मायावती सरकार में बसों का रंग नीला तो अखिलेश की सरकार में परिवहन निगम की बसों का रंग वही था जो सपा के झंडे का था, लेकिन जैसे ही सत्ता बदली और बीजेपी की सरकार बनी तो परिवहन निगम की बसों का रंग भगवा हो गया । इस सरकार में हर चीज का रंग भगवा कर दिया है। सरकारी अधिकारियों के निवास या फिर कार्यालयों में लगे उनके नाम प्लेट भी भगवा हो गई है।
कभी—कभी ये रंग विवाद भी खड़ा कर देते हैं।
ताजा मामला कानपुर मेट्रो का है जहां पर मेट्रो के कोच भगवा कलर के हैं. बताया जा रहा है कि अयोध्या के डीएम का बोर्ड उस समय लगा था. जब यूपी में बीजेपी की सरकार बनी थी। ऐसे में बोर्ड का रंग भगवा कर दिया गया था. इस दौरान कई डीएम तो बदल गए लेकिन रंग नहीं बदला। सोशल मीडिया पर हुए वायरल संदेश में कहा गया कि अधिकारी भी भावी राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखकर अब इस तरह के निर्णय ले रहे हैं। 2 मार्च को जब रंग बदला तो ये कयास लगाए जाने लगे कि कहीं सत्ता परिवर्तन का संकेत तो नहीं है. हालांकि नितीश कुमार सीएम के पसंदीदा अफसरों वाली लिस्ट में हैं. उन्होंने लखीमपुर खीरी में स्कूलों की हालत सुधारने में काफी अच्छा काम किया था. जिसकी कई बार सीएम प्रशंसा भी कर चुके हैं. यही काम उन्होंने बरेली में भी किया था. हालांकि बोर्ड बदलने के क्या सियासी मायने निकाले जा रहे थे और फिर डीएम ने तत्काल निर्णय लेते हुए इसे फिर से भगवा कलर करवा दिया. बताया जा रहा है कि बोर्ड के रंग बदलने को लेकर उन्होंने पीडब्ल्यूडी अधिकारी को फटकरा भी लगाई थी ।
इसके बाद मामले की जांच कराई गई तो पाया कि अवर अभियंता अजय कुमार शुक्ला ने उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाए बिना जिलाधिकारी के आवास का बोर्ड बदलवाया. इसके सोशल मीडिया पर वायरल होने से विभाग की छवि धूमिल हुई. उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-1999 के तहत उनके खिलाफ जांच के आदेश दे दिए गए हैं. निलंबन अवधि के दौरान शुक्ला कार्यालय, मुख्य अभियंता, अयोध्या से संबद्ध रहेंगे ।