बिजली सब्सिडी और पराली के मुद्दे पर क्यों बेचैन हैं किसान?
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बुधवार को 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच छठे दौर की बातचीत में इस पर सहमति बनी कि पराली जलाने के मामले में किसानों को छूट मिलेगी और बिजली पर मिल रही सब्सिडी मिलती रहेगी।
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, “पहला मुद्दा पर्यावरण से जुड़े अध्यादेश का था, किसानों को पराली के मुद्दे पर कई तरह की आशंकाएं थीं। दोनों ही पक्ष किसानों को उस अध्यादेश से बाहर रखने पर राजी हैं।”
तोमर का आश्वासन
तोमर ने बिजली सब्सिडी के मुद्दे पर कहा, “किसानों को इसका डर है कि बिजली अधिनियम में सुधार किया गया तो उन्हें नुक़सान होगा। किसान संगठनों का कहना था कि सिंचाई के लिए मिल रही सब्सिडी चालू रहनी चाहिए। इस पर आम सहमति बन गई है।”
किसानों ने बिजली सब्सिडी का मुद्दा इसलिए उठा रखा था कि सरकार ने बिजली क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सुधार की योजना बनाई है। इन सुधारों का मक़सद निजी क्षेत्र की कंपनियों को अधिक सुविधाएं देना है ताकि वे इस क्षेत्र में आएं और निवेश करें।