महाराजगंज में डीएम के सख्त निर्देशों के बावजूद जल रही पराली, प्रशासन की लापरवाही उजागर
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महाराजगंज। जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा के सख्त निर्देशों और चेतावनी के बावजूद जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में पराली जलाए जाने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। डीएम ने कुछ दिन पहले ही जिले के सभी किसानों से अपील की थी कि खेतों में पराली न जलाएं, ऐसा करने पर पचास हजार रुपये तक का जुर्माना और अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बावजूद इसके किसानों द्वारा खुलेआम खेतों में पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
डीएम संतोष कुमार शर्मा ने स्पष्ट कहा था कि सरकार और न्यायालय के आदेशानुसार किसी भी स्थिति में खेतों में पराली जलाने की अनुमति नहीं है। उन्होंने सभी राजस्व, कृषि एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करें। लेकिन इन निर्देशों का जमीनी असर देखने को नहीं मिल रहा है।
जिले के पनियरा थाना क्षेत्र, सदर कोतवाली क्षेत्र, फरेंदा, बृजमनगंज, कोल्हुई और अन्य ग्रामीण इलाकों में पराली जलाने के दृश्य आम हो गए हैं। खेतों में धुएं के गुबार से वातावरण प्रदूषित हो रहा है और हवा की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी मौके पर कार्रवाई करने के बजाय मूकदर्शक बने हुए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की ओर से जागरूकता अभियान तो चलाया गया, लेकिन उसकी प्रभावशीलता नजर नहीं आ रही। वहीं, कई किसान इस बात का तर्क दे रहे हैं कि पराली निस्तारण के लिए पर्याप्त संसाधन और मशीनें उपलब्ध नहीं कराई गई हैं, जिसके कारण वे मजबूर होकर पराली जलाने को विवश हैं।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि पराली जलाने से न केवल प्रदूषण बढ़ता है बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी कम होती है। ऐसे में जरूरी है कि प्रशासन सख्ती दिखाते हुए पराली जलाने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे और वैकल्पिक समाधान जैसे हैप्पी सीडर, स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम जैसी तकनीकों को गांव-गांव तक पहुंचाए।
फिलहाल, जिले में डीएम के सख्त निर्देशों के बावजूद पराली जलाए जाने की घटनाएं यह सवाल खड़ा कर रही हैं कि आखिर प्रशासनिक सख्ती सिर्फ कागजों तक सीमित है या वाकई में इसकी जमीनी हकीकत बदलने की कोशिश की जाएगी।
