पनियरा ब्लाक परिसर में डिक्रीधारी को कब्जा दिलाने की कार्रवाई, प्रशासनिक रोक से बढ़ा विवाद
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महराजगंज। जिले के पनियरा बीडीओ कार्यालय परिसर की भूमि पर डिक्रीधारी को कब्जा दिलाने की न्यायालय की कार्यवाही एक बार फिर चर्चा में है। न्यायालय के आदेशानुसार 7 नवंबर को ब्लॉक परिसर में कब्जा दिलाने पहुंचे अदालत अमीन और सदर एसडीएम के बीच नोक झोंक के बाद कब्जा दिलाने की कार्रवाई रोक दी गई थी। न्यायालय ने खंड विकास अधिकारी पनियरा को 12 नवंबर तक अभिलेखों को हटाने का निर्देश दिया था और 13 नवंबर से 15 नवंबर तक डिक्रीधारी को कब्जा दिलाने का आदेश हुआ था। आज सुबह डिक्रीधारी नरेंद्र सिंह आदि कोर्ट अमीन के साथ कब्जा लेने ब्लॉक पहुंचे, तो ब्लॉक प्रमुख पनियरा वेद प्रकाश शुक्ला और खंड विकास अधिकारी पनियरा ने ब्लॉक गेट पर ताला जड़ दिया, जिसके कारण ब्लॉक परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए आने-जाने वाले लोगों को भी भारी असुविधा हुई।
इस मामले में पीड़ित नरेंद्र सिंह ने बताया कि ब्लॉक परिसर में उनका और उनके तमाम पाटीदारों का 2 एकड़ से ज्यादा जमीन है। जिस पर पनियरा बीडीओ कार्यालय आदि भवन का निर्माण करके अवैध कब्जा किया गया है। इस अवैध कब्जे को हटाकर कब्जा दिलाने के लिए उन्होंने 1987 में न्यायालय में मुकदमा दायर किया था, जिसके बाद 1991 में उन्हें कब्जा दिलाने के लिए न्यायालय से आदेश हुआ था। उसी आदेश के क्रम में वे कब्जा लेने के लिए पहुंचे, तो ब्लॉक प्रमुख सहित खंड विकास अधिकारी के द्वारा न्यायालय में अपील किए जाने की बात कहकर कब्जा दिलाने की कार्रवाई को रोक दिया गया है।
इसके बाद पूरा दिन ब्लॉक परिसर में अफरा-तफरी मची रही। वहीं, ब्लॉक प्रमुख पनियरा वेद प्रकाश शुक्ला ने बताया कि जब उनके संज्ञान में यह मामला आया, तो उन्होंने उस आदेश के खिलाफ न्यायालय में अपील किया है। उनका कहना है कि यह न्यायालय के द्वारा एक एकपक्षीय फैसला आया है। इस फैसले में ब्लॉक कैंपस में किसी भी प्रकार के भवन को तोड़ने का कोई आदेश नहीं दिया गया है, सिर्फ उन्हें कब्जा दिलाने का आदेश दिया गया है। ब्लॉक प्रमुख ने कहा कि ब्लॉक परिसर में भवन को बिना तोड़े कब्जा लिया जा सकता है, और उसमें उनके द्वारा किसी भी प्रकार की बाधा नहीं की जाएगी।
