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Ayodhya Ram Mandir Live News: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर बोले जगद्गुरु रामभद्राचार्य – ‘यह जीवन का सबसे मधुरतम क्षण’

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प्रभु श्रीराम (Shree Ram) अपनी नगरी अयोध्या (Ayodhya) में विराजमान होकर अब अपने भक्तों को जल्द ही दर्शन देंगे। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha) समारोह का आज पांचवा दिन है। आज से अस्थायी गर्भगृह (Garbhagriha) में रामलला (Ramlala) के दर्शन नहीं हो पाएंगे। अब 22 जनवरी को होने वाले भव्य कार्यक्रम के बाद प्रभु श्रीराम (Shree Ram) अपने भक्तों को 23 जनवरी से दर्शन देंगे।

ड‍िजिटल डेस्‍क, अयोध्या। Ram Mandir Ayodhya LIVE:  अयोध्या (Ayodhya)  इतिहास रचने के बहुत करीब है। जिस दिन का सभी सनातनियों को अरसों से इंतजार था, वो दिन बस आने ही वाला है। अयोध्या  (Ayodhya) में बन रहे भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) में अब प्रभु विराजमान होकर अपने भक्तों को दर्शन देने वाले हैं। आज रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha) समारोह का छठा दिन है।

अब अस्थायी गर्भगृह में रामलला के दर्शन नहीं होंगे। अब 23 जनवरी से दोबारा दर्शन आरंभ होगा, लेकिन नवनिर्मित भव्य दिव्य राममंदिर में। वैकल्पिक गर्भगृह में विराजमान रामलला (Ramlala) को नवर्निर्मित राममंदिर  (Ayodhya Ram Mandir) के गर्भगृह में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके लिए स्वर्ण मंडित आधार तैयार किया गया है।

कल भगवान राम के विराजमान होने का इंतजार कर रही पूरी दुनिया- उत्तराखंड मुख्यमंत्री

अयोध्या। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्राण प्रतिष्ठा पर कहा कि राम पूरे संसार में हैं। ये राम युग फिर से देश में आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमें ये दिन देखने को मिल रहा है। पूरी दुनिया कल राम भगवान के विराजमान होने का इंतजार कर रही है। अब ये इंतजार समाप्त हो रहा है।

विपक्ष के प्राण प्रतिष्ठा के न्योता को ठुकराने को आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण

अयोध्या। विपक्ष के नेताओं द्वारा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “यह दुर्भाग्य का विषय है…राम के निमंत्रण को तो कोई ईसाई, पादरी, मुसलमान भी नहीं ठुकरा सकता। राम भारत की आत्मा हैं, राम के निमंत्रण को ठुकराने का मतलब भारतीय संस्कृति और सभ्यता का अपमान करना है, राम के निमंत्रण को ठुकराने का मतलब भारत की अस्मिता को चुनौती देना है। राम के बिना ना भारत की कल्पना की जा सकता है, ना भारत के लोकतंत्र की। मैं सभी विपक्षी दलों से निवेदन करना चाहता हूं कि आप भाजपा से लड़ो राम से मत लड़ो, भाजपा से लड़ो सनातन से मत लड़ो,  भाजपा से लड़ो भारत से मत लड़ो…”

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