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ढीले जिलाधिकारियों पर भड़के सीएम योगी, बोले- एक महीने में काम सुधारें या कुर्सी छोड़ दें अफसर

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राजस्व मामलों की शिकायतों को लेकर समीक्षा कर रहे सीएम ढील अफसरों पर भड़के। सीएम योगी ने जिलों में तैनात अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए उन्हें सुधरने के लिए एक महीने का वक्त दिया।

ढीले जिलाधिकारियों पर भड़के सीएम योगी, बोले- एक महीने में काम सुधारें या कुर्सी छोड़ दें अफसर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलों में तैनात अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए उन्हें सुधरने के लिए एक महीने का वक्त दिया है। मुख्यमंत्री ने साफ-साफ कह दिया है कि या तो जिलों में तैनात अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली सुधार लें या कार्यमुक्त होने के लिए तैयार रहें। सीएम योगी ने सोमवार को निर्देश दिए हैं कि दोबारा बैठक में स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलों की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए करीब दो माह पहले लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) में सीएम कमांड सेंटर एवं डैशबोर्ड का उद्धाटन किया था। सीएम ने कहा था कि इसी के आधार पर जिलों में तैनात अधिकारियों के काम की समीक्षा होगी। सीएम ने अब समीक्षा कर कार्रवाई यह सिलसिसा शुरू कर दिया है। इससे जिलों के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।

राजस्व न्यायालय का वाद निस्तारण अनुपात 95 फीसदी हो

प्रदेश में 2947 राजस्व न्यायालय हैं, जिनमें पिछले छह वर्षों में 195.3 लाख वाद दाखिल हुए। इनमें से 174.7 लाख वादों को निस्तारण किया गया, जिसका प्रतिशत 89.5 प्रतिशत है। सीएम योगी ने समीक्षा बैठक में खराब प्रदर्शन करने वाले जिलाधिकारियों को फटकार लगाते हुए इसमें सुधार करने के निर्देश दिए हैं ताकि अगले माह की समीक्षा बैठक में निस्तारण का रेश्यो 95 प्रतिशत से अधिक हो।

पैमाइश के मामलों के निपटारे में टॉप पांच में संतकबीरनगर, कासगंज, महराजगंज, हापुड़ और बलरामपुर हैं जबकि बॉटम पांच में गौतमबुद्धनगर, बलिया, आजमगढ़, एटा और लखनऊ हैं। इन मामलों को उपजिलाधिकारी स्तर पर 90 दिनों में निपटाने का प्राविधान है। कुल 5,19,299 मामले पंजीकृत हैं, जिसमें 4,06,119 मामले निस्तारित किए जा चुके हैं, जिसका रेश्यो 79 प्रतिशत है। सीएम योगी लंबित 1,13,180 मामलों को जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश दिए हैं।

वरासत-उत्तराधिकार मामले निपटाने में 99 फीसदी हो अनुपात

आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 से अब तक वरासत-उत्तराधिकार के 52 लाख 60 हजार 960 आवेदन आए हैं, जिसमें से अब तक 52 लाख 29 हजार 441 आवेदन का निस्तारण किया जा चुका है। इसका रेश्यो 99.40 प्रतिशत रहा। रिपोर्ट में बताया गया कि वरासत को लेकर विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें 99.99 प्रतिशत आवेदनों का निस्तारण किया गया। इन सभी मामलों को राजस्व निरीक्षक द्वारा तय समय सीमा 22 दिनों में निपटाया गया। इस पर मुख्यमंत्री ने सराहना करते हुए अन्य मामलों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इनमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों में कासगंज, ललितपुर, सोनभद्र, फतेहपुर और मुजफ्फनगर हैं, जिनका निस्तारण रेश्यो 99 प्रतिशत से अधिक रहा है।

नामांतरण में नोएडा, ललितपुर व अमरोहा आगे

इसी तरह नामान्तरण के एक करोड़ 24 लाख 70 हजार 776 आवेदन आए, जिसमें से एक करोड़ 15 लाख 69 हजार 314 आवेदन का निस्तारण किया गया, जिसका रेश्यो 93 प्रतिशत रहा। इनमें गौतमबुद्धनगर, ललितपुर, अमरोहा, फर्रुखाबाद और मुजफ्फनगर का अच्छा प्रदर्शन रहा जबकि बलिया, रायबरेली, बस्ती, गोंडा और मऊ का प्रदर्शन फिसड्डी रहा। इसी तरह कृषिक भूमि का गैर कृषिक भूमि को परिवर्तित करने में मिर्जापुर, बलरामपुर, महराजगंज, संत रविदासनगर और कासगंज ने अच्छा काम किया जबकि हाथरस, अयोध्या, गोंडा, सहारनपुर और बाराबंकी का प्रदर्शन संतोषजनक भी नहीं रहा।

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