Prakash veg

Latest news uttar pradesh

होलसेल के मुकाबले रिटेल में लगभग दोगुने दाम पर बिक रहा है खाद्य तेल, विस्तार से समझें रेट के पीछे का असली खेल

1 min read

Edible oil Price: दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को लगभग सभी खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट जारी रही। सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल जैसे प्रमुख खाद्य तेलों के भाव हानि दर्शाते बंद हुए। बाकी अन्य तेल-तिलहनों के दाम पूर्ववत रहे। लेकिन इसका फायदा आम-आदमी को नहीं मिल रहा है। होलसेल के मुकाबले रिटले की कीमतें लगभग दोगुना है।

क्या है खाद्य तेल का रेट? (Edible Oil Price)

सूत्रों ने कहा कि बंदरगाह पर आयातित खाद्य तेलों (सूरजमुखी, सोयाबीन और पामोलीन तेल) का थोक दाम लगभग बराबर ही है लेकिन खुदरा में ये तेल अलग-अलग दाम पर कैसे बिक रहे हैं? इस सूरजमुखी तेल का थोक दाम 80 रुपये लीटर है पर खुदरा में यह लगभग 150 रुपये लीटर बिक रहा है, इसी तरह सोयाबीन तेल का थोक दाम पोर्ट पर 85 रुपये लीटर बैठता है लेकिन खुदरा में यह 140 रुपये लीटर बिक रहा है। कम आय वर्ग के कंज्यूमर्स में खपत होने वाले पामोलीन तेल का पोर्ट का थोक दाम पड़ता है लगभग 85 रुपये लीटर लेकिन खुदरा में यह तेल 105 रुपये लीटर बिक रहा है। प्रीमियम क्वॉलिटी वाले चावल भूसी (राइस ब्रान) तेल का थोक बिक्री भाव 85 रुपये लीटर और खुदरा में यह अभी 170 रुपये लीटर बिक रहा है जो पहले के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में 20 रुपये लीटर की कमी करने के बाद का भाव है।

सरकार को ये काम करने की जरूरत?

सूत्रों ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह कीमतों पर निगाह रखे और जरूरत पड़ने पर हस्तक्षेप करे, क्योंकि मौजूदा समय में सरसों खपेगा नहीं तो किसान कहां जायेगा? देशी तेल-तिलहनों के खपने की स्थिति बनाने के लिए स्थिति निर्माण करना होगा नहीं तो किसान हतोत्साहित होंगे। सूत्रों ने कहा कि खाद्य तेल कीमतों के बढ़ने से महंगाई की बात कुछ निहित स्वार्थ की इंटरनेशन कंपनियों, पैकरों द्वारा खड़ी की जाती है, ताकि देशी तेल-तिलहनों को चोट पहुंचाकर देश को पूरी तरह इम्पोर्ट पर निर्भर कर दिया जाए। तेल की जो प्रति व्यक्ति खपत है वह दूध के मुकाबले बहुत कम है।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published.

https://slotbet.online/