सीएसटीयूपी इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट ग्रांट योजना 2022-23
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उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् ने 2017-18 से अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना “सीएसटीयूपी इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट ग्रांट स्कीम“ शुरू की। इस परियोजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैंः-
1 इंजीनियरिंग छात्रों में नवाचार, अनुसंधान और विज्ञान के प्रति रुचि का विकास करना।
2 स्थानीय समस्याओं के समाधान में प्रौद्योगिकी का उपयोग प्रोत्साहित करना।
3 इंजीनियरिंग छात्रों को सार्वजनिक उपयोगिताओं के लिए परियोजनाओं का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित करना।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद,् उत्तर प्रदेश (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तर प्रदेश) के पास अपना एक नवप्रवर्तन खंड है। नवप्रवर्तन खंड को उत्तर प्रदेश में जमीनी स्तर के नवप्रवर्तकों को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित किया गया है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद,् उत्तर प्रदेश (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तर प्रदेश) के द्वारा आयोजित किए जा रहे इस सीएसटी यूपी इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट ग्रांट स्कीम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के प्रौद्योगिकी कॉलेज और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत बी0टेक0 अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों से इंजीनियरिंग प्रोजेक्टस को आमंत्रित किया जाता है। सभी प्रोजेक्टस विभिन्न तकनीकी संस्थानों के विषय विशेषज्ञों द्वारा मूल्यांकन किया जाता है। मूल्यांकन के बाद, सीएसटी द्वारा चयनित परियोजनाओं को दो भागों में 20,000 रुपये के अनुदान दिया जाता है तथा विद्यार्थियों के बैंक खाते में सीधे अनुदान राशि भेजी जाती है। सभी तैयार प्रोजेक्टस की एक प्रदर्शनी लगायी जाती है तथा सर्वश्रेष्ठ तीन प्रोजेक्टस को इस योजना के अंतर्गत पहला पहला पुरस्कार 1,00,000 रुपये, दूसरा पुरस्कार 75,000 रुपये और तीसरा पुरस्कार 50,000 रुपये प्रदान किये जाते हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद,् उत्तर प्रदेश ने वर्ष 2022-23 के लिए इंजीनियरिंग प्रोजेक्टस को आमंत्रित किया है। कुल 58 प्रोजेक्टस को 20000 रूपये की अनुदान राशि के लिए चुना गया तथा इन्हीं 58 प्रोजेक्टस के प्रदर्शन के लिए दिनांक 29 अप्रैल 2023 को विद्यार्थियों की टीमों एवं उनके गाइड के साथ प्रदर्शनी में आमंत्रित किया गया था। 9 सदस्य तकनीकी विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा उनके प्रोजेक्ट का अंतिम मूल्यांकन किया गया तथा उनमें से तीन विजेताओं को भी चयनित किया गया जिन्हें क्रमशः एक लाख, पचहत्तर हजार तथा पचास हजार रूपये की धनराशि एवं प्रमाण पत्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ0प्र0 की ओर से प्रदान किया गया ।
प्रथम पुरस्कार इकोनॉमिकल बायोनिक आर्म्स प्रोजेक्ट के लिए चुना गया जो कि मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों उत्कर्ष दुबे, राज श्रीवास्तव एवम् निधि त्रिपाठी प्रथम पुरस्कार को दिया गया जिन्हे रुपए 100000 का पुरस्कार प्रदान किया गया । द्वितीय पुरस्कार मेंब्रेन लेस माइक्रोबियल फ्यूल सेल की मदद से वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट और एनर्जी प्रोडक्शन के प्रोजेक्ट के लिए मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों हार्दिक पांडे, ज्योति कुमारी, दिव्यांश उपाध्याय, दिव्यांश चतुर्वेदी को दिया गया ।इन्हे 75000 रुपए का पुरस्कार प्रदान किया गया । तृतीय पुरस्कार वंशिका गोयल, मोहम्मद तालिब अख्तर, आयुष लॉट को वेस्ट मैनेजमेंट एवम् जंक क्लासीफायर प्रोजेक्ट के लिए प्रदान किया गया । इन्हे रुपए 50000 का पुरस्कार प्रदान किया गया ।
परियोजना को प्रभावी बनाने के लिए, प्रदेश के लिए उपयोगी परियोजना बनाने के लिए , महानिदेशक, विज्ञान एवम् प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश तथा प्रमुख सचिव, विज्ञान एवम् प्रौद्योगिकी विभाग , उत्तर प्रदेश श्री आलोक कुमार ने कई निर्णय लिए , जो कि निम्नवत है :
महानिदेशक के अनुसार इस कार्यक्रम को और वृहद करने की जरूरत है । उनके हिसाब 10000 या 20000 रुपए जो विज्ञान एवम् प्रौद्योगिकी परिषद देता है इसे रुपए के रूप में न देखे । इसे opportunity के रूप में दिखे । सभी 58 प्रोजेक्ट्स को उन्होंने बोला कि अगर आपमें से कोई भी अपने प्रोजेक्ट को पेटेंट कराना चाहते है , या अपने प्रोजेक्ट की कोई रिपोर्ट किसी जर्नल में छपता है उसे भी विज्ञान एवम् प्रौद्योगिकी परिषद वित्तीय एवम् हर तरह से सपोर्ट प्रदान किया जाएगा । चाहे वो स्टार्ट अप हो या अपने प्रोजेक्ट को हायर लेवल पर ले जाना हो।
उन्होंने ये भी बोला कि आप सभी को गैप सर्च करने चाहिए जिससे लोगो को आपके रिसर्च का उपयोग हो सके । यदि आप किसी पुरानी रिसर्च को दोहरा रहे है तो क्या इस रिसर्च में कॉस्ट सेविंग कर सकते है । आप अपने प्रोजेक्ट को लार्ज स्केल कैसे कर सकते है । सिर्फ इसी इवेंट के बाद इन सभी 58 प्रोजैक्ट्स को आगे बढ़ने में विज्ञान एवम् प्रौद्योगिकी परिषद सपोर्ट करे । जो भी बेंचमार्क आज सेट हुए है अगले एग्जिबिशन में इससे बेहतर प्रोजेक्ट्स इस स्कीम में आए ।
महानिदेशक श्री आलोक कुमार के अनुसार, अगर कोई टॉप कॉलेज में नहीं है । तो ऐसा नहीं है कि आप टॉप पर नही जा सकते । तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस कॉलेज में पढ़ रहे है । हो सकता है कोई ऐसा भी प्रोजेक्ट हो जो यह न जीता हो लेकिन वो बहुत दूर तक जाएगा ।
निदेशक परिषद श्री अनिल यादव एवम् महा निदेशक श्री आलोक कुमार ने सभी विद्यार्थियों को शुभ कामनाएं दी और परिषद को यह टारगेट दिया कि अगला कार्यक्रम इस कार्यक्रम से बहुत ज्यादा वृहद स्तर पर आयोजित कराया जायेगा तथा उसका आयोजन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कराया जायेगा ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में
श्री सी के विश्वकर्मा , डॉक्टर डॉक्टर शैलेंद्र विश्वकर्मा, डॉक्टर डॉक्टर धनंजय सिंह , डॉक्टर आरिफ सिद्दीकी, डॉक्टर अलका , डॉक्टर सचिन कुमार सिंह, डॉक्टर विशाल कृष्णा, डॉक्टर गणेश यादव, डॉक्टर राजीव कुमार सिंह , जो कि परिषद के निर्णायक मंडल में शामिल थे, को निदेशक परिषद द्वारा धन्यवाद दिया गया ।