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4 दिन में 6 लाख लोगों को टीका, भारत में धीमा टीकाकरण है चिंता की बात? जानें क्या कहते हैं अन्य देशों के आंकड़े

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कोरोना वायरस के खिलाफ भारत की निर्णायक जंग जारी है। भारत में कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए जितनी तेजी से वैक्सीन तैयार की गई, टीकाकरण को लेकर वैसा उत्साह दिख नहीं रहा है। दुनिया के सबसे बड़े कोरोना टीकाकरण अभियान को शुरू हुए चार दिन बीत चुके हैं। पहले चरण के तहत देश में तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया जाना है। अब तक कुल 6.31 लाख लोगों (स्वास्थ्यकर्मियों) को टीका लगाया जा सका है। टीकाकरण की रफ्तार धीमी होने की कई वजहें हैं, मसलन कई जगह कोविन एप में तकनीकी खामी और लोगों में डर। हालांकि, ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत में ही शुरुआत में टीकाकरम की रफ्तार देखने को मिल रही है। दुनिया के जिन देशों में पहले टीकाकरण अभियान शुरू हुए, वहां भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में टीकाकरण अभियान की शुरुआत के बाद चौथे दिन यानी मंगलवार शाम तक 11,660 सत्र के जरिए कुल 6.31 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 का टीका लगाया गया। मंगलवार को शाम छह बजे तक 3,800 सत्र के जरिए 1,77,368 लाभार्थियों को टीका लगाया गया मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि टीका लगाने के बाद प्रतिकूल प्रभाव (एईएफआई) के केवल नौ मामलों में अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता पड़ी।

रिपोर्ट की मानें तो प्राथमिकता वाले समूह में शामिल जितने लोगों को टीका लगा है, उनमें से कोरोना का टीका लगने के बाद अब तक करीब 600 लोगों में दुष्प्रभाव की सूचनाएं हैं, जबकि दो लोगों को वैक्सीन की डोज दिये जाने के बाद हृदयसंबंधी विकार उत्पन्न होने के कारण मौत हो गई। मुरादाबाद में एक 52 वषीर्य व्यक्ति और कनार्टक में 42 वषीर्य व्यक्ति की मौत हुई। हालांकि, इन दोनों की मौत का वैक्सीन से कोई लेना देना नहीं है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि जितने लोगों को टीका लगा है, उसके हिसाब से साइड इफेक्ट के मामले में एक फीसदी से भी बहुत कम हैं।

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