Prakash veg

Latest news uttar pradesh

हालत खराब फिर भी TMC से किनारा क्यों कर रही है कांग्रेस, गोवा में क्या रणनीति

1 min read

बीते हफ्ते तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने यह कहकर राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म कर दिया था कि गोवा में बीजेपी को हराने के लिए सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट होना चाहिए। हालांकि, कांग्रेस टीएमसी के इस प्रस्ताव से खासा उत्साहित नहीं है। पहले खबरें आईं कि कांग्रेस की प्रदेश इकाई टीएमसी से गठबंधन की संभावनाओं पर विचार कर रही है लेकिन ऐसा लगता है कि यह अलायंस फिलहाल संभव नहीं है।

गोवा में टीएमसी प्रभारी महुआ ने एक ट्वीट में कहा था, ‘ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस गोवा में बीजेपी को हराने के लिए हर संभव कोशिश करेगी।’ महुआ ने कहा था कि ममता बनर्जी पहले भी ऐसा कर चुकी हैं और गोवा में भी बीजेपी को हराने के लिए एक कदम ज्यादा चलने से वह नहीं चूकेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि टीएमसी नहीं चाहती कि मौजूदा कोई भी विपक्षी पार्टी चुनाव बाद बीजेपी को समर्थन देकर उसकी सरकार बनवा दे।

एक दिन बाद ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि गोवा विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को हराने की इच्छुक किसी भी पार्टी के समर्थन को स्वीकार करने के लिए कांग्रेस तैयार है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस बीजेपी को हराने में सक्षम है, लेकिन अगर कोई पार्टी बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस को सपोर्ट करने को तैयार है तो मैं न क्यों कहूंगा? चिदंबरम ने यह भी कहा कि कांग्रेस को टीएमसी की तरफ से गठबंधन के लिए कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है।

गोवा फॉरवर्ड पार्टी के चीफ विजय सरदेसाई ने भी यह बयान दिया कि बीजेपी को हराने के लिए अपने-अपने अहम् को किनारे रखना चाहिए।

हालांकि, गोवा में कांग्रेस के डेस्क इंचार्ज दिनेश गुंडू राव का बयान इस गठबंधन की बातों से एकदम उलट है। उन्होंने कहा कि फिलहाल टीएमसी के साथ कोई बातचीत नहीं चल रही। राहुल गांधी द्वारा वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के साथ टीएमसी गठबंधन पर चर्चा करने संबंधित खबरों को भी राव ने पूरी तरह निराधार और झूठा बताया।

बता दें कि कांग्रेस और गोवा फॉरवर्ड पार्टी पहले ही राज्य में गठबंधन का ऐलान कर चुके हैं। कांग्रेस ने गोवा फॉरवर्ड पार्टी को दो सीटें देने पर हामी भरी है। दूसरी तरफ, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने भी गोवा में गठबंधन का ऐलान कर दिया है लेकिन दोनों के बीच सीट बंटवारे को लेकर आखिरी फैसला फिलहाल नहीं हुआ है।

पहली नजर में यह गठबंधन सही लगता है, क्योंकि इससे बीजेपी-विरोध वोट बंटेंगे नहीं और सदन में बिखरे विपक्ष की धारणा भी कमजोर होगी। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि गोवा में कांग्रेस और टीएमसी का अलायंत लगभग नामुमकिन है। गोवा में उभरती राजनीतिक परिस्थितियों पर ऐनालिस्ट क्लियोफेटो अल्मेडा कॉटिन्हो कहते हैं कि इस तरह के गठबंधन की चाह होने के बाद भी यह संभव नहीं।

क्लियोफेटो कहते हैं, ‘टीएमसी और कांग्रेस एक ही वोट शेयर के लिए लड़ रहे हैं और समान निर्वाचन क्षेत्रों में ही जीतना चाहते हैं। एक या दो निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दें तो दोनों पार्टियों के पास किसी भी क्षेत्र में कोई उम्मीदवार नहीं है जो रेस में आगे हो। न तो पार्टी की राज्य में कोई कार्यकरिणी ही है।’

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published.

https://slotbet.online/