“वो हर विरोधी स्वर को देशद्रोह बताएंगे”
1 min readहजारों आंदोलनकारी किसान 40 दिन से कड़ाके की ठंड और (अब) बारिश में खुले में जिंदगी और मौत की जंग के बीच अपनी मांगों के लेकर वीरान सड़कों पर हैं। सातवीं बार फिर सरकार और किसानों के बीच वार्ता होनी है। कोई ताज्जुब नहीं कि प्रधानमंत्री को खुश करने के लिए कोई मंत्री इस बारिश को भी “सरकार का विरोध करने वाले किसानों से ईश्वर भी खफा” न बताने लगे या “प्रकारांतर से इंद्र भगवान का मोदी सरकार को आशीर्वाद” करार न दे।
22 मार्च, सन 1775 की बात है। अमेरिकी उपनिवेश ब्रितानी शासन के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे थे। ब्रिटिश संसद में राजनीति-शास्त्र की दुनिया में विख्यात विद्वान एडमंड बर्क सरकार के “अमेरिकी उपनिवेशों से समझौता” विधेयक के मसौदे के ख़िलाफ़ बोल रहे थे। प्रस्तावित विधेयक में सरकार बल का प्रयोग कर उन पर नियंत्रण करने की ताकत हासिल करना चाहती थी। अपने मशहूर भाषण में बर्क ने एक वाकया सुनाया।