किसान ने की आत्महत्या, मोदी सरकार के ख़िलाफ़ लोगों में ग़ुस्सा
1 min readकृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली के बॉर्डर्स पर चल रहे आंदोलन में आए दिन किसानों की मौत होने की ख़बर आ रही है। अब तक ऐसी ख़बरें सिंघु और टिकरी बॉर्डर से आती थीं लेकिन इस बार एक उम्रदराज़ किसान की मौत की दुखदायी ख़बर ग़ाज़ीपुर बॉर्डर से आयी है। 75 साल की उम्र के एक किसान ने आंदोलन स्थल पर आत्महत्या कर ली है।
सरकार को ठहराया जिम्मेदार
किसान का नाम कश्मीर सिंह लाडी था और वह यूपी-उत्तराखंड के बॉर्डर पर पड़ने वाले बिलासपुर इलाक़े के रहने वाले थे। कश्मीर सिंह का शव टॉयलेट के अंदर मिला। भारतीय किसान यूनियन के मुताबिक़ कश्मीर सिंह ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमें उन्होंने आत्महत्या के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
कश्मीर सिंह ने लिखा है, ‘कब तक हम इस ठंड में बैठे रहेंगे। सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है। इसलिए, मैं अपनी जान दे रहा हूं जिससे कोई रास्ता निकले।’ उन्होंने यह भी लिखा है कि उनके पोते आंदोलन स्थल पर ही उनका अंतिम संस्कार करें। पुलिस ने सुसाइड नोट को जब्त कर लिया है। कश्मीर सिंह के बेटे और पोते भी किसान आंदोलन में शिरकत कर रहे हैं।
किसान संगठनों का कहना है कि आंदोलन शुरू होने के बाद से अब तक 30 से ज़्यादा किसानों की मौत धरना स्थल पर हो चुकी है। इनमें से अधिकतर की मौत का कारण ठंड है जबकि कुछ लोगों ने आत्महत्या की है।
हाड़ कंपाने वाली इस ठंड में जब लोग घरों में बैठकर गर्म खाना खा रहे हैं, गर्म कपड़े और रजाइयों के साथ हैं, ऐसे वक़्त में हज़ारों किसान, महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग दिल्ली के बॉर्डर्स पर धरने पर बैठे हैं।