पूरे गुरु ही दिला सकते हैं मुक्ति मोक्ष- संत उमाकांत जी महाराज
1 min readशाकाहार भोजन ही सर्वोत्तम आहार – संत उमाकांत जी महाराज
लखनऊ शहर के अवध शिल्प ग्राम में आयोजित दो दिवसीय शरद पूर्णिमा के सतसंग समारोह के दूसरे दीन 20 अक्टूबर को बाबा उमाकांत जी महाराज ने अपने भक्तों को सतसंग का रस पान कराते हुए बताया की शाकाहारी भोजन करने से चरित्र का निर्माण होता है सभी प्रकार के भोजन में शाकाहारी भोजन सबसे उत्तम है जिसके खाने पीने से देश समाज के लोग उन्नति करते है
महाराज जी ने कहा कि इस संसार का नियम है कि बिना गुरु किये ,कोई भी प्राणी भव सागर पार नही जा सकता सभी को गुरु बनाना चाइये भगवान राम कृष्ण ने भी गुरु किया जैसे दुनिया की शिक्षा के लिए गुरु बनाते हैं उसी प्रकार प्रभु ,मालिक को पाने के लिए कोई संत सतगुरु की खोज करनी चाहिए जिससे लोक परलोक बन जाये क्योंकि यह देश अपना नही है परदेश है हम सभी जीव यहाँ आकर माया की छाया में फस गए है और अपने मालिक को भूल गए हैं और इस नश्वर संसार को ही अपना सब कुछ मान लिए है जिस संसार को सभी को छोड़कर जाना है।सतसंग समारोह में बाबा जयगुरुदेव के भक्तों मे बड़ा उत्साह देखने को मिला उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के साथ- साथ देश के अन्य प्रांतों के गुरु प्रेमी कार्यक्रम में सामिल हुए । भक्तों की तरफ से 20 लंगर भंडारे चलाये जा रहे थे जिसमें 24 घण्टे लोगों को भोजन मिलता रहा, पीने के पानी के लिए 20 पानी के टैंकर जगह जगह खड़े थे जिनसे भंडारों में पानी की समुचित व्यवस्था की गई, मैदान में मोबाईल टायलेट के साथ- साथ 200 शौचालय बनाये थे, बिजली, टेन्ट, यातायात,सुरक्षा व्यवस्था स्वयं उनके भक्त सँभाले हुये थे ।
गौरतलब है कि इस बारिश तूफान में भी बाबा के भक्त कार्यक्रम स्थल पर बने रहे और खुले आसमान के नीचे रात्रि बिताई ।कार्यक्रम में नवल किशोर पाण्डेय, कन्हैया लाल गुप्ता, मंगूलाल, लछिमन सिंह,आनन्द प्रकाश अवस्थी ,संतोष सिंह, नागेश्वर दुवेदी, शशिकांत सिंह, आलोक माथुर, आर पी त्रिपाठी,सत्य प्रकाश शुक्ला, सुभाष गुप्ता, वरुणेंद्र प्रताप सिंह ,राजेश मौर्या, संतोष राय, ललित शुक्ला ,कमलेश तिवारी ,कृष्णानंद दुवेदी, नितिन सोनकर ,दीपक श्रीवास्तव सहित अनेको जुम्मेदार सामिल हुए ।