क्या है जवाहर प्वॉइंट? सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस, चंद्रयान-1 से ऐसा है रिश्ता
1 min readप्रधानमंत्री मोदी के इसरो में संबोधन के बाद से ही आज जवाहर प्वॉइंट शब्द लगातार ट्रेंड कर रहा है। बहुत से लोगों में यह जानने की उत्सुकता है कि आखिर यह जवाहर प्वॉइंट है क्या और इसका नामकरण कैसे हुआ था।
प्रधानमंत्री मोदी के इसरो में संबोधन के बाद से ही आज जवाहर प्वॉइंट शब्द लगातार ट्रेंड कर रहा है। बहुत से लोगों में यह जानने की उत्सुकता है कि आखिर यह जवाहर प्वॉइंट है क्या और इसका नामकरण कैसे हुआ था। इसका ताल्लुक भी मिशन चंद्रयान से ही है। यह नाम चंद्रयान-1 के समय दिया गया था और फिलहाल सोशल मीडिया पर इसको लेकर बहस छिड़ी हुई है। भाजपा और विपक्ष के नेता इस मुद्दे पर ट्वीट पर ट्वीट कर रहे हैं। इन सबके बीच आइए जान लेते हैं आखिर जवाहर प्वॉइंट है क्या…
जवाहर प्वॉइंट है क्या
सबसे पहले आइए जान लेते हैं आखिर जवाहर प्वॉइंट है क्या? इसका ताल्लुक चंद्रयान-1 से है। भारत ने अंतरिक्ष में अपना पहला चंद्र मिशन साल 2008 में 22 अक्टूबर के दिन लांच किया था। सबकुछ प्लान के मुताबिक रहा, लेकिन चांद से करीब 100 किमी दूर चंद्रयान-1 क्रैश कर गया। इसने साउथ पोल के पास क्रैश लैंडिंग की। जिस दिन यह लैंडिंग हुई, वह तारीख थी 14 नवंबर। गौरतलब है कि 14 नवंबर को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जयंती होती है। इसलिए चंद्रयान-1 की लांचिंग साइट का नाम जवाहर प्वॉइंट रख दिया गया।
सोशल मीडिया पर बहस
पीएम मोदी द्वारा चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट को शिवशक्ति प्वॉइंट नाम देने के बाद भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावला ने ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा, पहले भारत बनाम पहले परिवार। उन्होंने आगे लिखा कि चंद्रयान-1 के लैंडिंग या इंपैक्ट प्वॉइंट को जवाहर प्वॉइंट नाम दिया गया। वहीं, चंद्रयान-2 के इंपैक्ट/लैंडिंग प्वॉइंट को तिरंगा प्वॉइंट और चंद्रयान-3 के लैंडिंग प्वॉइंट को शिवशक्ति प्वॉइंट कहा जा रहा है। पूनावाला ने आगे लिखा कि विक्रम लैंडर को विक्रम साराभाई के नाम पर नाम दिया गया है। इसके आगे भाजपा प्रवक्ता ने लिखा कि अगर यूपीए की सरकार होती तो चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 भेजती ही नहीं। अगर भेजा भी गया होता तो इसके लैंडिंग/इंपैक्ट प्वॉइंट को इंदिरा और राजीव प्वॉइंट नाम दिया गया होता। वहीं, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने इसे हास्यास्पद बताते हुए कहा कि पीएम मोदी को चांद की सतह का नाम रखने का अधिकार आखिर किसने दिया?
पीएम ने किया नामकरण
गौरतलब है कि पीएम मोदी जी-20 सम्मेलन में शामिल होने के बाद बेंगलुरु पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों से मुलाकात की और चंद्रयान-3 की कामयाबी की बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सतह पर उतरने की जगह का नामकरण करने की वैज्ञानिक परंपरा रही है। भारत ने चंद्रमा के उस क्षेत्र का नामकरण करने का फैसला किया है। उन्होंने घोषणा की है कि चंद्रयान-3 का लैंडर चंद्रमा की सतह पर जगह उतरा है, उसका नाम ‘शिव-शक्ति पॉइंट’ होगा, जो कल्याण एवं ताकत का मेल है। पीएम ने आगे कहा कि चंद्रमा की सतह पर जिस स्थान पर चंद्रयान-2 ने 2019 में अपने पदचिह्न छोड़े थे, उसे ‘तिरंगा पॉइंट’ के नाम से जाना जाएगा।