यूपी के 42 गांवों में मगरमच्छ का अलर्ट, नदी पर न जाने की सलाह, हमले का खतरा
1 min readलखीमपुर खीरी जिले में मानसून सीजन में बाघ और तेंदुए से ज्यादा मगरमच्छों का खौफ है। बाढ़ और बरसात के बाद मगरमच्छ ने डेढ़ माह में ईसानगर,फूलबेहड़ में एक-एक और निघासन में दो लोगों को निवाला बनाया है।
उल्ल, कंडवा, शारदा में मगरमच्छों की मौजूदगी
शहर से सटकर बह रही उल्ल नदी, कंडवा और शारदा नदी में मगरमच्छों की अच्छी-खासी संख्या है। इनमें चार सौ से अधिक होने का अनुमान है। हालांकि वन विभाग के पास न तो इनकी सही गिनती है और न यह डाटा कि किस नदी में इनकी कितनी संख्या क्या है।
मगरमच्छ डेंजर स्पाट पर वन विभाग की नजर
वन विभाग सर्तक हो गया है। इसको लेकर डेंजर स्पाट पर वन विभाग की टीमें नजर रखेगी। साथ ही लोगों को इस खतरे को लेकर अगाह करेगी। वन विभाग ने 11 जगहों पर मगरमच्छ की कुनबे सहित मौजूदगी की रिर्पोट की है।
उल्ल, कंडवा, शारदा में मगरमच्छों की मौजूदगी
शहर से सटकर बह रही उल्ल नदी, कंडवा और शारदा नदी में मगरमच्छों की अच्छी-खासी संख्या है। इनमें चार सौ से अधिक होने का अनुमान है। हालांकि वन विभाग के पास न तो इनकी सही गिनती है और न यह डाटा कि किस नदी में इनकी कितनी संख्या क्या है।
मगरमच्छ डेंजर स्पाट पर वन विभाग की नजर
वन विभाग सर्तक हो गया है। इसको लेकर डेंजर स्पाट पर वन विभाग की टीमें नजर रखेगी। साथ ही लोगों को इस खतरे को लेकर अगाह करेगी। वन विभाग ने 11 जगहों पर मगरमच्छ की कुनबे सहित मौजूदगी की रिर्पोट की है।
लगातार हमलावर हैं मगरमच्छ
महज डेढ़ माह में ईसानगर फूलबेहड में एक एक और निघासन में दो लोग इनके हमलों से जान गवां चुके है। बीते साल धौरहरा में भैंस चराने गए किशोर को मगरमच्छ खींच ले गए थे निघासन में तो एक किसान का पूरा पैर मगरमच्छ चबा गया था। 13 लोग इनके हमले में जान गवा चुके है। 16 लोग घायल हुए हैं।