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UPSSSC परीक्षा में उठे थे 10-10 लाख के ठेके, बिहार से फिरोजाबाद तक ऐसे फैला सॉल्वरों का जाल

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उत्तर प्रदेश अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग ( यूपीएसएसएससी) की परीक्षा में सीतामणी, बिहार के दीपू ने ब्रज में सॉल्वर मुहैया कराने के ठेके लिए थे। 10-10 लाख रुपये में उसने अभ्यर्थियों से बुकिंग की थी।

UPSSSC परीक्षा में उठे थे 10-10 लाख के ठेके, बिहार से फिरोजाबाद तक ऐसे फैला सॉल्वरों का जाल

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग ( यूपीएसएसएससी) की परीक्षा में सीतामणी, बिहार के दीपू ने ब्रज में सॉल्वर मुहैया कराने के ठेके लिए थे। 10-10 लाख रुपये में उसने अभ्यर्थियों से बुकिंग की थी। बुकिंग अधिक होने पर उसने फिरोजाबाद के विजय को पांच लाख रुपये प्रति सॉल्वर के हिसाब से ठेका दिया था। कमिश्नरेट में बुधवार को हरीपर्वत, नाई की मंडी और लोहामंडी थाना क्षेत्रों से सात आरोपियों को जेल भेजा गया।

यूपीएसएसएससी द्वारा प्रदेश में ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक पद के लिए परीक्षा आयोजित कराई गई थी। परीक्षा में सेंध लगाने के लिए गैंग सक्रिय होंगे। सॉल्वर परीक्षाओं में बैठाए जाएंगे। यह अंदेशा पहले से था। यूपी एसटीएफ के साथ पुलिस को सक्रिय किया गया था। मंगलवार को आयोजित परीक्षा में एसटीएफ मुख्यालय से ऑपरेशन चल रहा था। परीक्षा केंद्रों पर जिन अभ्यर्थियों के बायोमेट्रिक मिलान नहीं हो रहे थे उनकी सूचना एसटीएफ मुख्यालय को दी जा रही थी। ब्रज में करीब 20 अभ्यर्थी चिह्नित किए गए थे। आगरा में तीन थाना क्षेत्रों में छापेमारी की गई थी।

अलीगढ़ में भी छापेमारी हुई। सीतामणी (बिहार) निवासी सरगना दीपू अलीगढ़ में पकड़ा गया। मक्खनपुर फिरोजाबाद निवासी विजय कुमार को आगरा में एसटीएफ ने पकड़ा था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि दोनों आपस में जुड़े हुए हैं। दीपू ने 10-10 लाख रुपये में परीक्षा में सॉल्वर बैठाने के ठेके लिए थे। उस पर काम अधिक आ गया था। सॉल्वर कम थे। उसने फिरोजाबाद के विजय को पांच-पांच लाख रुपये के हिसाब से ठेका दे दिया था। विजय भी सॉल्वर लेकर आया था।

सॉल्वरों को मिले थे 20-20 हजार
पकड़े गए सॉल्वरों से बातचीत हुई थी। खुलासा हुआ कि उन्हें 50-50 हजार रुपये में तय किया गया था। 20 हजार रुपये परीक्षा से पहले एडवांस दिए गए थे। शेष रकम परीक्षा पास कराने के बाद दिए जाने की बात हुई थी।

सबसे ज्यादा नाई की मंडी से गए जेल
नाई की मंडी थाने में एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज कराया। तीन सॉल्वर, एक दलाल, एक मूल अभ्यर्थी और एक चालक सहित छह लोगों को बुधवार को नाई की मंडी थाने से जेल भेजा गया। लोहामंडी और हरीपर्वत थाने से एक-एक सॉल्वर जेल गए।

नाई की मंडी थाने में मक्खनपुर, फिरोजाबाद निवासी विजय कुमार, विशाल, पुष्पेंद्र कुमार, उदय नारायण (सीतामणी बिहार), पवन कुमार (हाथरस), राजामोहन (फंफूद, औरैया) को जेल भेजा गया। मुकदमे में बिहार निवासी दीपू को भी वांछित किया गया था। वह अलीगढ़ में पकड़ा गया।

पुष्पेंद्र है गाड़ी का चालक
जेल गया पुष्पेंद्र फिरोजाबाद का निवासी है। वह गाड़ी चालक है। गैंग के चार सदस्यों को गाड़ी से लेकर आया था। एसटीएफ ने उसे कार सहित दबोचा। कार को भी सीज किया गया है।

प्रवेश पत्र पर मिक्सिंग फोटो थे
पूछताछ में गिरोह के सदस्यों ने बताया कि सॉल्वर ऐसे ही नहीं बैठ जाता है। बहुत दिमाग लगाना पड़ता है। अभ्यर्थी और सॉल्वर की फोटो मिक्सिंग की जाती है। उसे प्रवेश पत्र पर लगाया जाता है। फर्जी आधार कार्ड तैयार किया जाता है। उस पर भी वही फोटो लगाई जाती है। परीक्षा केंद्र पर उस समय प्रवेश करते हैं जब भीड़ होती है। कोशिश रहती है कि जल्दबाजी में बायोमेट्रिक हो, ताकि पकड़े नहीं जाएं।

होटलों में लिए थे कमरे
एसटीएफ की जांच में सामने आया कि गिरोह के सदस्यों ने परीक्षा से पहले होटलों में कमरे लिए थे। कमरे भी फर्जी आधार कार्ड से लिए गए थे, ताकि किसी को कोई शक नहीं हो। एक आईडी पर एक कमरे में तीन युवक ठहरे थे। एसटीएफ ने होटल के सीसीटीवी फुटेज निकाले हैं।

गाड़ी में रहता है सरगना
एसटीएफ ने बताया कि परीक्षा के दौरान गैंग का सरगना किसी गाड़ी में रहता है, ताकि कहीं सीसीटीवी में नहीं आए। बिहार के दीपू ने भी ऐसा ही किया था। उसे सर्विलांस की मदद से अलीगढ़ में पकड़ा गया।

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