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क्या इस बार टूट जाएंगे चार विधानसभा सीटों में हार-जीत से जुड़े झूठ

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विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। राजनीतिक दल, प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के दावे और भरोसे के साथ जनता के बीच हैं। इस दौरान राजनीतिक गलियारों में चार विधानसभा सीटों से जुड़े मिथक भी खासे चर्चा बटोर रहे हैं। इनमें तीन सीटें ऐसी हैं, जिन पर जीतने वाले प्रत्याशी की पार्टी की सरकार बनती आई है जबकि एक सीट ऐसी है, जिस पर जीतने वाले कैंडिडेट की पार्टी की सरकार राज्य में नहीं बनी। इस बार लगातार दलों के बीच चल रहे दलबदल के खेल और तमाम बदलते समीकरणों में अब यही चर्चा है कि क्या इस बार भी यह मिथकों की परंपरा आगे बढ़ेगी।

गंगोत्री : जो जीता उसकी पार्टी ही बनी सिकंदर
2002 के चुनाव में कांग्रेस के विजयपाल सजवाण जीते, उन्होंने 7878 वोट हासिल किए जबकि सीपीआई के कमला राम नौटियाल यहां 7268 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस की सरकार बनी। 2007 के चुनाव में यहां भाजपा के प्रत्याशी गोपाल सिंह रावत जीते। उन्होंने 24250 वोट हासिल किए जबकि दूसरे नंबर पर रहने वाले कांग्रेस के विजयपाल सजवाण ने 18704 वोट हासिल किए। भाजपा की सरकार बनी।

2012 के चुनाव में कांग्रेस के विजयपाल सजवाण जीते, उन्होंने 20246 वोट हासिल किए जबकि भाजपा के गोपाल सिंह रावत 13223 वोटों के साथा दूसरे स्थान पर रहे। सरकार कांग्रेस की बनी। 2017 के चुनाव में भाजपा के गोपाल सिंह रावत जीते। उन्होंने 25683 वोट हासिल किए जबकि 16073 वोटों के साथ कांग्रेस के विजयपाल सजवाण दूसरे नंबर पर रहे। भाजपा की सरकार बनी।
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बदरीनाथ : जिसे मिली जीत, वही पार्टी आई सत्ता में

2002 में कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. अनुसूइया प्रसाद मैखुरी जीते। उन्होंने 11145 वोट हासिल किए जबकि 10154 वोटों के साथ भाजपा के केदार सिंह फोनिया दूसरे नंबर पर रहे। कांग्रेस की सरकार बनी। 2007 में भाजपा के केदार सिंह फोनिया 16607 वोटों के साथ जीते जबकि 12742 वोटों के साथ कांग्रेस के अनुसुईया प्रसाद मैखुरी दूसरे नंबर पर रहे। सरकार भाजपा की बनी। 2012 में कांग्रेस के राजेंद्र सिंह भंडारी 21492 वोटों के साथ जीते जबकि 11291 वोटों के साथ भाजपा के प्रेम बल्लभ भट्ट दूसरे नंबर पर रहे। सरकार कांग्रेस की बनी। 2017 में भाजपा के महेंद्र भट्ट 29676 वोटों के साथ जीते जबकि 24042 वोटों के साथ कांग्रेस के राजेंद्र भंडारी दूसरे नंबर पर रहे। सरकार भाजपा की बनी।

रामनगर : जिसका विधायक, उसकी सरकार
2002 में 16271 वोटों के साथ कांग्रेस के योगेंबर सिंह जीते जबकि 11356 वोटों के साथ भाजपा प्रत्याशी दीवान सिंह बिष्ट दूसरे नंबर पर रहे। सरकार कांग्रेस की बनी। 2007 में 25949 वोटों के साथ भाजपा के दीवा सिंह बिष्ट विजेता रहे जबकि 14873 वोटों के साथ कांग्रेस के योगेंबर सिंह रावत दूसरे नंबर पर रहे। सरकार भाजपा की बनी। 2012 में कांग्रेस की अमृता रावत 23851 वोटों के साथ जीती जबकि 20122 वोटों के साथ दीवान सिंह दूसरे नंबर पर रहे। सरकार कांग्रेस की बनी। 2017 में भाजपा के दीवान सिंह 35839 वोटों के साथ विजेता रहे जबकि 27228 वोटों के साथ कांग्रेस के रणजीत रावत दूसरे नंबर पर रहे। सरकार भाजपा की बनी।

रानीखेत : जो हारा, उसकी पार्टी की बनी सरकार
2002 चुनाव में भाजपा के अजय भट्ट 10199 वोटों के साथ जीते और 7897 वोटों के साथ कांग्रेस के पूरन सिंह दूसरे नंबर पर रहे। विजेता भाजपा का रहा और राज्य में सरकार कांग्रेस की बनी। 2007 में 13503 वोटों के साथ कांग्रेस के करन माहरा विजेता रहे जबकि भाजपा के अजय भट्ट 13298 वोट पाकर हार गए। राज्य में सरकार भाजपा की बनी। 2012 में 14089 वोटों के साथ भाजपा के प्रत्याशी अजय भट्ट जीते जबकि 14011 वोटों के साथ कांग्रेस के करन माहरा दूसरे नंबर पर रहे। भाजपा प्रत्याशी जीते लेकिन राज्य में सरकार कांग्रेस की बनी। 2017 में कांग्रेस के करन माहरा 19035 वोटों के साथ जीते जबकि भाजपा के अजय भट्ट यहां 14054 वोट हासिल कर हार गए। सरकार भाजपा की बनी।

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