लद्दाख बॉर्डर पर भारत के खिलाफ चीन ने तैनात किए रोबोट, जवान नहीं सह पा रहे सर्दी की मार
1 min readभारत और चीन के बीच 20 महीने से बॉर्डर पर तनाव है। चीन लगातार ऐसे कदम उठा रहा है जिससे बॉर्डर पर तनाव बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब चीन ने मशीन गन से लैस रोबोट को बॉर्डर पर भेज रहा है। चीन बॉर्डर पर हथियारों की सप्लाई करने में जुटा हुआ है। मशीनगन से लैस ये रोबोट तिब्बत के ऊंचाई वाले इलाकों में गश्त कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि अपने जवानों को सर्दी से बचाने और मोर्चे पर मुस्तैदी बढ़ाने के मकसद से चीन ने यह फैसला लिया है।
चीनी सैनिक सर्दी नहीं झेल पा रहे?
शार्प क्लॉ, जिसे वायरलेस तरीके से कंट्रोल किया जा सकता है, एक हल्की मशीनगन से लैस है। मानव रहित डिलीवरी ट्रक के रूप में हथियारों से लैस मुले-200 वाहनों के उदाहरण हैं। चीन अब MUL-200 मानव रहित वाहनों के साथ सैनिकों की आपूर्ति कर रहा है, जबकि अपनी सेना को बंदूकें भी दे रहा है। कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि सर्दियों के वक्त चीनी सेना को बॉर्डर पर टिके रहने में बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसीलिए बॉर्डर पर रोबोट सेना की तैनाती की जा रही है।
चीन ने मानव रहित वाहनों के पूरक के लिए 70 VP-22 बख्तरबंद सैन्य वाहन भी बॉर्डर के पास भेजे हैं। कुल 150 लिंक्स ऑल-टेरेन वाहनों को सीमा पर भेजा गया है। लिंक्स को सेनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला द्वारा नियोजित किया जाता है और अक्सर सैनिकों को ले जाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल हॉवित्जर, भारी मशीनगन, मोर्टार और मिसाइल लांचर जैसे कई तरह के आर्म सिस्टम को तैनात करने के लिए भी किया जाता है।
चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 15 इलाकों के नाम बदले
चीन ने भारत को उकसाने वाली एक और हरकत की है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 15 जगहों के नाम बदल दिए हैं। चीन ने चीनी शब्दों में इन जगहों के नाम रखे हैं और इसे अपना अधिकार बताया है। बदले गए 15 नामों में से आठ रेसिडेंशियल प्लेस, चार पहाड़, दो नदी और एक पहाड़ी दर्रा है। बता दें कि चीन ने दूसरी बार अरुणाचल प्रदेश के जगहों का चीनी नाम देने का काम किया है। इससे पहले 2017 में चीन ने छह जगहों का नाम अपने हिसाब से रखा था।