पराली जलाने पर प्रशासन सख्त: जिलेभर में अधिकारियों, थानाध्यक्षों और ग्राम प्रधानों पर कड़ी कार्रवाई
1 min read
महाराजगंज। पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं पर जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने कड़ा रुख अपनाते हुए सोमवार को जिलेभर में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक कार्रवाई की। पराली प्रबंधन में लापरवाही और फील्ड स्तर पर निगरानी में कमी पाए जाने पर कई अधिकारियों, थानाध्यक्षों, ग्राम प्रधानों और कृषि विभाग के कर्मचारियों पर एक साथ कार्यवाही की गई।
जिलाधिकारी ने कहा कि पराली जलाना कानूनन अपराध है और इससे पर्यावरण, जनस्वास्थ्य व मृदा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में किसी भी स्तर की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
समीक्षा बैठक के दौरान पराली जलाने की घटनाओं में अपेक्षित कमी न आने पर उपनिदेशक कृषि सहित चारों तहसीलों के उपजिलाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उपनिदेशक कृषि को निगरानी तंत्र को और प्रभावी बनाने तथा सभी कार्मिकों को मैदान में सक्रिय रखने का निर्देश दिया गया।
कार्यवाही की जद में जिले के 12 थाना प्रभारी भी आए हैं। श्यामदेउरवा, घुघली, सदर, कोठीभार, भिटौली, सिंदुरिया, पनियरा, चौक, निचलौल, नौतनवा, फरेंदा और बृजमनगंज थानों के थानाध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट किया गया कि पुलिस की जिम्मेदारी क्षेत्र में रोकथाम, गश्त और तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करना है। इसमें किसी प्रकार की उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिन ग्राम पंचायतों में पराली जलाने की घटनाएँ लगातार सामने आईं, वहां के ग्राम प्रधानों पर भी कार्रवाई की गई है। डीपीआरओ श्रेया मिश्रा के अनुसार नेता सुरुहुआ, पिपरदेउरा, बसंतपुर राजा, बागापार, लखिमा और दुबौली के ग्राम प्रधानों को पंचायत राज अधिनियम की धारा 95(1)(जी) के तहत नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। बताया गया कि ग्राम प्रधान स्थानीय स्तर पर पराली प्रबंधन की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं, इसलिए उनकी लापरवाही पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
कृषि विभाग के 30 एटीएम, बीटीएम और प्राविधिक सहायकों को भी किसानों के बीच जागरूकता न फैलाने और फील्ड में उपस्थिति सुनिश्चित न करने पर चेतावनी दी गई है। निर्देश दिया गया कि सभी कर्मचारी अगले 24 घंटे में फील्ड में सक्रियता बढ़ाएँ और पराली प्रबंधन के वैकल्पिक उपाय हर किसान तक पहुँचाएँ।
जिलाधिकारी ने कहा कि पराली जलाने से जिले की वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है, इसलिए यह अभियान सर्वोच्च प्राथमिकता पर है। चेतावनी देते हुए कहा गया कि आगे किसी भी स्तर की लापरवाही पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई होगी।
जिले की विभिन्न तहसीलों में भी कार्रवाई की गई है—
तहसील सदर: 1 लेखपाल निलंबित, 2 के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई, 10 को स्पष्टीकरण।
तहसील निचलौल: 2 लेखपालों को स्पष्टीकरण।
तहसील नौतनवा: 2 लेखपालों को प्रतिकूल प्रविष्टि, 2 पर विभागीय कार्रवाई।
तहसील फरेंदा: 4 लेखपालों को स्पष्टीकरण, 14 ग्राम पंचायत सचिवों को नोटिस।
जनपद में आज पराली जलाने की 31 नई घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि अबतक 285 घटनाएं रिपोर्ट हो चुकी हैं। आज 3.40 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है। 86 लोगों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई और 2 कंबाइन मशीन सीज की गई हैं।
