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किसानों ने मोदीनगर और मुजफ्फरनगर में ट्रेनें रोकीं, रेल रोको आंदोलन का असर

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किसानों ने लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचल कर मारने की घटना और उस मामले में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा मांगते हुए यह रेल रोको आंदोलन करने का ऐलान किया था.

किसानों ने आज 6 घंटे तक रेल रोको आंदोलन ) का असर दिख रहा है. किसानों के रेलवे ट्रैक पर बैठने के कारण 30 जगहों पर प्रभाव पड़ा है. उत्तर रेलवे का कहना है कि 7 ट्रेनों को डेस्टिनेशन के पहले रोकना पड़ा है. जबकि एक ट्रेन को रद्द ( कर दिया गया है. भारतीय किसान यूनियन ने पश्चिमी यूपी के मोदीनगर और मुजफ्फरनगर में भी ट्रेनों को कुछ वक्त के लिए रोका. रेल रोको आंदोलन के तहत सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक देश भर में जगह-जगह ट्रेनें रोकने की घोषणा की गई है. हालांकि यूपी, हरियाणा और पंजाब के रेलवे स्टेशनों पर कड़ी सुरक्षा की गई है. लखनऊ पुलिस ने रेलवे परिचालन में बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.

दिल्ली और एनसीआर (Delhi NCR)  में तेज बारिश के बीच यह किसान आंदोलन हो रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और इस दौरान किसी भी तरह की हिंसा या तोड़फोड़ न करने की हिदायत पहले ही दे दी गई है. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि बंद के दौरान आवश्यक और आपात सेवाओं को किसी तरह बाधित नहीं किया जाएगा.

किसानों ने जब पिछली बार भारत बंद बुलाया था तब पंजाब, हरियाणा, बिहार समेत कई जगहों पर ट्रेनें रोकी गई थीं और हाईवे जाम किए गए थे. हाईवे जाम होने के कारण दिल्ली नोएडा गुरुग्राम  समेत कई जगहों पर भारी जाम की भी समस्या सामने आई थी. वहीं रेलवे ने एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनों को रद्द कर दिया था.

किसानों ने लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचल कर मारने की घटना और उस मामले में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा मांगते हुए यह रेल रोको आंदोलन करने का ऐलान किया था. इससे पहले किसान नेताओं ने लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के लिए अंतिम अरदास की थी. इसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांध समेत तमाम विपक्षी नेता शामिल हुए थे. लखीमपुर खीरी कांड में अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को आरोपी बनाया गया है और उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है. हालांकि किसान अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं.

किसानों के आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर पर कथित तौर पर निहंग सिखों  द्वारा एक शख्स की बर्बर तरीके से हत्या का मामला भी सुर्खियों में बना हुआ है. इस घटना की चौतरफा निंदा हो रही है. सिंघु बॉर्डर औऱ दिल्ली के अन्य रास्तों को खाली कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की गई है. सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि अनिश्चितकाल तक ऐसे विरोध प्रदर्शन को जायज नहीं ठहराया जा सकता.

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