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25 तस्वीरों में भारतीय टीम का सफर, अफ्रीका से शुरुआत इंग्लैंड के खिलाफ अंजाम

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अंडर-19 विश्वकप 2022 समाप्त हो चुका है। यश धुल की कप्तानी में भारतीय टीम पांचवीं बार विजेता बनी है। इस वर्ल्डकप में भारत का सफर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 15 जनवरी को शुरू हुआ था। इसके बाद पांच फरवरी को भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ जीत के साथ अपना अभियान खत्म किया। इस दौरान भारत ने कई रिकॉर्ड बनाए। भारत लगातार चौथी बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा। वहीं रिकॉर्ड आठवीं बार टीम इंडिया ने अंडर-19 विश्वकप का फाइनल खेला। भारत यह टूर्नामेंट सबसे ज्यादा पांच बार जीतने वाली टीम भी है।

अंडर-19 वर्ल्ड कप 2022 का चौथा मुकाबला भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया था। गयाना के प्रोविडेंस स्टेडियम में कप्तान यश धुल की बेहतरीन पारी और विक्की ओस्तवाल की शानदार गेंदबाजी की बदौलत टीम इंडिया ने जीत हासिल की थी। भारत ने यह मैच 45 रन से जीता था।

विक्की ने 10 ओवर में 28 रन देकर पांच विकेट झटके। वे अंडर-19 विश्व कप में एक मैच में पारी में पांच विकेट लेने वाले सातवें गेंदबाज बने। राज बावा ने अफिवे नियांडा को पवेलियन भेज दक्षिण अफ्रीकी पारी को 187 पर समेट दिया। इसके अलावा राज बावा ने चार विकेट झटके। हांगरगेकर को एक विकेट मिला।

भारत और दक्षिण अफ्रीकी अंडर-19 टीमों के बीच पिछले छह मुकाबलों में भारतीय टीम का पलड़ा भारी रहा है। भारत ने पांच मुकाबले जीते हैं और एक में हार का सामना करना पड़ा है। विश्व कप में भारत और दक्षिण अफ्रीका की टीमें आठ बार आमने-सामने आ चुकी हैं। इनमें से दोनों टीमों ने चार-चार मैच जीते हैं।

आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत ने आयरलैंड को हराकर लगातार दूसरी जीत दर्ज की थी। त्रिनिदाद के ब्रायन लारा स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में कोविड-19 से प्रभावित टीम इंडिया ने आयरलैंड को 174 रनों के विशाल अंतर से हराया था।

आयरलैंड ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया था। इसके बाद हरनूर सिंह और अंगक्रिश रघुवंशी की सलामी जोड़ी ने मिलकर टीम इंडिया को जोरदार शुरुआत दी थी। दोनों ने मिलकर पहले विकेट के लिए 164 रनों की साझेदारी की। इस दौरान हरनूर सिंह (88) और अंगक्रिश रघुवंशी (79) ने अपने-अपने अर्धशतक भी पूरे किए। दोनों खिलाड़ियों के आउट होने के बाद मध्यक्रम में राज बावा (42) और निशांत सिंधु (36) ने अहम योगदान दिया था। पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे राजवर्धन हंगारगेकर ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 17 गेंदों में 39 रनों की नाबाद पारी खेली थी और टीम के स्कोर को 307 रन तक ले गए थे।

आयरलैंड के खिलाफ हरनूर सिंह ने भारत के लिए सबसे ज्यादा 88 रन बनाए थे। इससे पहले एशिया कप में भी वो भारत के सबसे सफल बल्लेबाज रहे थे। हरनूर बड़ी पारियां खेलने में सक्षम हैं और आयरलैंड के खिलाफ उन्होंने एक बार फिर खुद को साबित किया था। हालांकि, वो अपने शतक से चूक गए थे।

भारत की अंडर-19 टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ

आयरलैंड को 174 रनों के विशाल अंतर से हराने के साथ ही भारतीय टीम ने सुपर लीग स्टेज के लिए भी क्वालिफाई कर लिया था। वह दो मुकाबले जीतकर ग्रुप बी में शीर्ष पर बनी हुई थी। हालांकि, पहले मैच में अफ्रीका के खिलाफ जीत के साथ ही भारत का अपने ग्रुप में शीर्ष पर रहना तय हो चुका था, क्योंकि आयरलैंड और युगांडा भारत से काफी कमजोर टीमें हैं।

आयरलैंड को 174 रनों के विशाल अंतर से हराने के साथ ही भारतीय टीम ने सुपर लीग स्टेज के लिए भी क्वालिफाई कर लिया था। वह दो मुकाबले जीतकर ग्रुप बी में शीर्ष पर बनी हुई थी। हालांकि, पहले मैच में अफ्रीका के खिलाफ जीत के साथ ही भारत का अपने ग्रुप में शीर्ष पर रहना तय हो चुका था, क्योंकि आयरलैंड और युगांडा भारत से काफी कमजोर टीमें हैं।

टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने 50 ओवर में पांच विकेट खोकर 405 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था। भारत की तरफ से राज बावा ने 162 रन की नाबाद पारी खेली थी। वहीं अंगक्रिश रघुवंशी ने 144 रन बनाए थे।

162 रन बनाने राज बावा इस मैच में भारत के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर थे। यश धुल और शेख रसीद जैसे खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में राज बावा को ऊपर बल्लेबाजी करने का मौका मिला था और उन्होंने इसका बखूबी फायदा उठाया था। टूर्नामेंट के फाइनल में राज ने गेंद के साथ भी कमाल किया।

अंगक्रिश रघुवंशी ने 144 रन की बेहतरीन पारी खेली थी। उन्होंने इस वर्ल्डकप के अधिकतर मैचों में भारत को शानदार शुरुआत की थी। इस मैच में भी उन्होंने 144 रन की बेहतरीन पारी खेली थी। युंगाडा की कमजोर टीम के खिलाफ उन्होंने खूब रन बटोर थे।

अंगक्रिश रघुवंशी ने 144 रन की बेहतरीन पारी खेली थी। उन्होंने इस वर्ल्डकप के अधिकतर मैचों में भारत को शानदार शुरुआत की थी। इस मैच में भी उन्होंने 144 रन की बेहतरीन पारी खेली थी। युंगाडा की कमजोर टीम के खिलाफ उन्होंने खूब रन बटोर थे।

बाएं हाथ के तेज गेंदबाज रवि कुमार ने इस मैच में तीन विकेट झटके थे। रवि को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था। रवि के अलावा स्पिनर विक्की ओस्तवाल ने दो विकेट झटके। राजवर्धन हंगरगेकर, कौशल तांबे और अंगकृष रघुवंशी को एक-एक विकेट मिला था।

भारतीय टीम ने बांग्लादेश की पारी को 37.1 ओवर में 111 रन पर समेट दिया था। एसएम मेहरोब बांग्लादेश की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। उन्होंने 48 गेंद पर 30 रन की पारी खेली थी। इसके अलावा अइच मोल्लाह (17 रन) और अशिकुर जमान (16 रन) ही दहाई का आंकड़ा छू सके थे। बांग्लादेश के आठ बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाए थे।

112 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। शून्य पर भारत को पहला झटका लगा था, जब हरनूर सिंह बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए थे। इसके बाद अंगकृष ने शेख रशीद के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 70 रन की साझेदारी निभाई थी। अंगकृष 65 गेंदों पर 44 रन बनाकर आउट हुए थे। अपनी पारी में उन्होंने सात चौके लगाए थे। अंगकृष को रिपन मंडल ने नबील के हाथों कैच कराया था।
एंटिगुआ के कूलीज क्रिकेट ग्राउंड में खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 96 रन से हराया था। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने 50 ओवर में पांच विकेट गंवाकर 290 रन बनाए थे। जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम 41.5 ओवर में 194 रन पर ऑलआउट हो गई थी।

रशीद और यश ने तीसरे विकेट के लिए 204 रन की साझेदारी निभाई थी। धुल ने कप्तानी पारी खेलते हुए 110 रन बनाए थे। यह इस टूर्नामेंट में उनका पहला शतक था। उपकप्तान रशीद ने 94 रन की पारी खेली थी।

सेमीफाइनल में 110 रन की पारी खेलने वाले यश धुल तीसरे भारतीय कप्तान बने थे, जिन्होंने इस टूर्नामेंट में शतकीय पारी खेली थी। खास बात यह थी कि इससे पहले दोनों बार दिल्ली के खिलाड़ियों ने ही यह कारनामा किया था। विराट कोहली और उनमुक्त चंद ने इस टूर्नामेंट में भारत की कप्तानी करते हुए शतक लगाया था और दोनों दिल्ली के खिलाड़ी थे।

इस जीत के साथ चार बार की चैंपियन भारतीय टीम लगातार चौथी बार और रिकॉर्ड आठवीं बार फाइनल में पहुंची थी। भारत के नाम अंडर-19 विश्व कप में सबसे ज्यादा बार फाइनल में पहुंचने का रिकॉर्ड है। टीम इंडिया 2000, 2006, 2008, 2012, 2016, 2018, 2020 और 2022 में फाइनल में पहुंची है। भारत ने 2000, 2008, 2012, 2018 और 2022 में विश्व कप जीता। वहीं, 2006, 2016 और 2020 में फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था।
फाइनल मैच में भारत के हरफनमौला राज बावा ने कमाल की गेंदबाजी की थी। उन्होंने पांच विकेट अपने नाम किए थे। राज बावा ने 9.5 ओवर में 31 रन देकर पांच विकेट अपने नाम किए थे। अंडर-19 विश्व कप फाइनल में यह किसी भी गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। इससे पहले पीयुष चावला ने 2006 में आठ रन देकर चार विकेट लिए थे।

भारत के लिए तेज गेंदबाज रवि कुमार ने भी कमाल की गेंदबाजी की थी। उन्होंने फाइनल मैच में चार बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा था। रवि कुमार ने शुरुआत में इंग्लैंड के ओपनिंग बल्लेबाज जैकब और कप्तान टॉम प्रीस्ट को आउट करके इंग्लैंड की कमर तोड़ दी थी। इस मैच में उन्होंने नौ ओवर में 34 रन देकर चार विकेट लिए थे। अंडर-19 विश्वकप के फाइनल में यह किसी भी गेंदबाज का तीसरा सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था। इसी मैच में पांच विकेट लेने वाले राज बावा इस मामले में पहले और 2006 में आठ रन देकर चार विकेट लेने वाले पीयूष चावला दूसरे स्थान पर थे।

यश धुल भी भारत को अंडर-19 विश्व कप दिलाने वाले कप्तानों की खास लिस्ट में शामिल हो गए। उनसे पहले मोहम्मद कैफ (2000), विराट कोहली (2008), उन्मुक्त चंद (2012) और पृथ्वी शॉ (2018) की कप्तानी में भारत ने विश्व कप जीता था। इसके अलावा रविकांत शुक्ला (2006), ईशान किशन (2016) और प्रियम गर्ग (2020) की कप्तानी में भारतीय टीम फाइनल में हार गई थी।

अंडर-19 विश्व कप जीतने वाले हर एक खिलाड़ी को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) 40 लाख रुपये का इनाम देगा। वहीं, हर एक सपोर्ट स्टाफ को 25 लाख रुपये मिलेंगे। इस टूर्नामेंट में ऋषिकेश कानितकर भारतीय टीम के हेड कोच रहे। बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने कहा- मुझे यह इनाम देते हुए बेहद खुशी हो रही है। फाइनल में टीम का प्रदर्शन शानदार रहा। आपने भारत को गर्व महसूस करने का मौका दिया है।

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