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‘जाट-मुसलमान कसम खाओ’, अमित शाह के कैराना आने से पहले सपा

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चुनाव की तारीख की घोषणा होने के बाद तमाम पार्टियों में सरगर्मी तेज हो गई है। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह शनिवार को कैराना से भाजपा के चुनाव अभियान की शुरू कर रहे हैं। वह कैराना में सपा सरकार में पलायन कर गए और बाद में लौटकर आए व्यापारियों व परिवारों से मुलाकात करेंगे। इसपर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने अमित शाह के कैराना दौरे से पहले कू किया।

क्या उत्तर प्रदेश के जाटों और मुसलमानों को एक कर पाएगा किसान आंदोलन

उन्होंने लिखा, ‘पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट और मुसलमान कसम खाओ कि चुनाव में किसान , रोज़गार , मंहंगाई , विकास पे ही वोट देंगे।  दिल्ली से लोग आ रहे है हिन्दू मुसलमान की बात करने लेकिन तुम अपने मुद्दों से भटकना नही , दिल्ली से आने वालों को करारा जवाब देना।’

शाह के दौरे को लेकर जिला अध्यक्ष सतेंद्र तोमर ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह कैराना आएंगे और कैराना के मोहल्ला गुंबद में मौजूद 70 साल पुरानी साधू स्वीट्स के मालिक राकेश गर्ग और अन्य व्यापारियों से मुलाकात करेंगे।  उन्होंने बताया कि राकेश गर्ग सन 2014 में बदमाशों द्वारा रंगदारी मांगने के बाद दहशत में पलायन कर अंबाला चले गए थे।  गृह मंत्री अन्य दो तीन व्यापारियों से भी उनके आवास पर ही मुलाकात करेंगे।

बीजेपी ने सपा के फैसले को बताया ‘जिन्नावाद’
मालूम हो कि सपा ने नाहिद हसन का नाम शामली जिले की कैराना सीट के लिए दोबारा घोषित किया है।  नाहिद हसन के खिलाफ पहले से ही पुलिस में कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।  बीजेपी ने सपा द्वारा नाहिद हसन को टिकट दिए जाने के फैसले को समाजवादी पार्टी का “जिन्नावाद” बताया है, साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि कैराना में पलायन के मास्टर माइंड नाहिद हसन को सपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है।  आपको बता दें कि, नाहिद हसन ने जनवरी 2020 में अदालत में सरेंडर किया था, वो काफी समय से फरार चल रहे थे, और करीब एक महीने से अधिक समय के बाद उन्हें जमानत मिली थी, साथ ही फरवरी 2021 में यूपी पुलिस ने नाहिद हसन, उनकी मां और 38 अन्य लोगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी।

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