किसानों के रेल रोको आंदोलन पर रेलवे हुआ अलर्ट, जीआरपी आरपीएफ रखेगी चप्पे-चप्पे पर नजर
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कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की ओर से 18 अक्तूबर सोमवार को रेल रोको आंदोलन की धमकी के बाद रेलवे प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। जीआरपी व आरपीएफ को सुरक्षा की जिम्मेदारी मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं और चप्पे-चप्पे पर नजर रखने की हिदायत मिली है।
रविवार को एसपी जीआरपी सौमित्र यादव ने जीआरपी और आरपीएफ के अधिकारियों के साथ रेलवे स्टेशन और परटिरयों पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बातचीत की। साथ ही दिशानिर्देश भी जारी किए। लखनऊ के आसपास के रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बलों की निगरानी के लिए स्पेशल टीम गठित की गई है। इतना ही नहीं किसानों के रेल रोको आंदोलन को देखते हुए आरपीएफ और जीआरपी के अलावा स्थानीय पुलिस की भी मदद ली जाएगी। चारबाग, लखनऊ जंक्शन, बादशाहनगर सहित आलमनगर, मल्हौर, उतरेटिया, ट्रांसपोर्टनगर, दिलकुशा, मानक नगर, अमौसी, मोहीबुल्लापुर स्टेशनों तथा आउटरों पर आरपीएफ को तैनात कर दिया गया है। स्टेशन पर सीसीटीवी के जरिए नजर रखी जाएगी।
पुलिस ने कसी कमर, 44 कंपनी पीएसी तैनात
रेल रोको आंदोलन को बेअसर करने के लिए पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है। एक ओर 14 संवेदनशील जिलों में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की तैनाती की गई है। वहीं किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पीएसी और अर्ध सैनिक बल की तैनाती की गई है।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि आंदोलन को देखते हुए जिलों में सतर्कता बढ़ाई गई है। किसान नेताओं और संगठनों के पदाधिकारियों से वार्ता की जा रही है। कहीं कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न होने पाए, इसके लिए पुख्ता तैयारी की गई है। जिलों में 44 कंपनी पीएसी और 4 कंपनी अर्ध सैनिक बलों की तैनाती की गई है। त्यौहारों के मौके पर दी गई सुरक्षा व्यवस्था को भी जिलों में रोक लिया गया है और उसे कल के आंदोलन से निपटने के लिए इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस ने कसी कमर, 44 कंपनी पीएसी तैनात
रेल रोको आंदोलन को बेअसर करने के लिए पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है। एक ओर 14 संवेदनशील जिलों में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की तैनाती की गई है। वहीं किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पीएसी और अर्ध सैनिक बल की तैनाती की गई है।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि आंदोलन को देखते हुए जिलों में सतर्कता बढ़ाई गई है। किसान नेताओं और संगठनों के पदाधिकारियों से वार्ता की जा रही है। कहीं कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न होने पाए, इसके लिए पुख्ता तैयारी की गई है। जिलों में 44 कंपनी पीएसी और 4 कंपनी अर्ध सैनिक बलों की तैनाती की गई है। त्यौहारों के मौके पर दी गई सुरक्षा व्यवस्था को भी जिलों में रोक लिया गया है और उसे कल के आंदोलन से निपटने के लिए इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं सूत्रों का कहना है कि आंदोलन को यूपी में बे असर करने के लिए पुलिस ने पूरी तैयारी की हुई है। प्रमुख किसान नेताओं के साथ साथ संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों के घरों पर पुलिस की दस्तक देर रात हो गई थी। पुलिस की तैयारी आंदोलन के लिए लोगों को जुटने न देने की है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विशेष नजर रखी जा रही है। संबंधित जिले में जिले में पूर्व से तैनात अधिकारियों के अतिरिक्त पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है। लखीमपुर में जहां एडीजी जोन एसएन साबत, आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह, डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल और दो एसपी रैंक के अधिकारी अतिरिक्त रूप से तैनात किए गए हैं। इसके अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हर जिले में एक-एक अतिरिक्त अधिकारियों की तैनाती की गई है। कुल 22 आईपीएस, 14 अपर पुलिस अधीक्षकों की तैनाती संवेदनशील जिलों में की गई है।