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कुर्सी तो बचा लिए, मगर बिना ‘हथियार’ के अब इस संकट का कैसे सामना करेंगे इमरान?

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भले ही नेशनल एसेंबली में हुए विश्वास मत को जीत लिया हो, मगर उनकी मुसीबतें खत्म नहीं हुई हैं। पाकिस्तान में कोरोना काफी तेजी से पांव पसार रहा है, मगर इमरान खान न सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने में जुटे रहे, बल्कि उन्होंने अपने मुल्क के आवाम को अल्लाह के भरोसे छोड़ दिया है। जब इमरान खान का ध्यान अपनी कुर्सी बचाने पर था, तब कोरोना पाकिस्तान में तेजी से संक्रमण फैला रहा था और आज यह भयावह हो गया है। आंकड़ों की मानें तो पिछले दो सप्ताह से भी कम समय में पाकिस्तान में कोरोना वायरस के नए मामलों की संख्या में 50 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई है।

6 मार्च को सिर्फ एक दिन में छोटे से मुल्क पाकिस्तान में 1714 कोरोना के नए केस सामने आए और 38 से अधिक लोगों की मौतें हो गईं। “डॉन’ ने बताया कि पिछले महीने के आखिर में प्रतिबंधों को हटाने की वजह से पाकिस्तान में कोरोना के मामलों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी देखी है। पाकिस्तान के लिए यह आंकड़ें हैरान करने वाले इसलिए भी हैं क्योंकि वहां भारत की तरह वैक्सीनेशन के कोई खास इंतजाम नहीं हैं।

डॉन की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार इस साल कोरोना वैक्सीन नहीं खरीदेगी। इमरान सरकार फिलहाल कोरोना महामारी से निपटने के लिए हर्ड इम्यूनिटी और साथी देशों से मुफ्त में मिलने वाली कोरोना वैक्सीन पर निर्भर रहेगी। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मेजर जनरल आमिर इकराम के मुताबिक, चीन की बनाई कोरोना वैक्सीन के एक डोज की कीमत 13 डॉलर है। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान वैक्सीन के लिए अंतरराष्ट्रीय डोनर्स और चीन जैसे साथी देशों पर निर्भर है।

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