Prakash veg

Latest news uttar pradesh

नीतीश कुमार के फॉर्मूले से अपना गणित नहीं बिगाड़ने चाहते नवीन पटनायक, क्यों नहीं गली विपक्ष की दाल

1 min read

साल 2021 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ओडिशा के समकक्ष नवीन पटनायक के लिए एक लेख लिखा था, जिसमें कहा गया था, ‘आमतौर पर लोग ताकत और समय के साथ बदल जाते हैं। लेकिन वह नहीं बदले। नवीन बाबू, जिन्हें मैंने जैसा 50 साल की उम्र में देखा था, वह आज भी वैसे ही हैं।’ मौजूदा सियासी घटनाक्रमों से भी संकेत मिल रहे हैं कि सीएम पटनायक ने राजनीति करने के अपने तरीके को नहीं बदला है। शायद यही वजह रही कि उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया। हालांकि पटनायक के फैसले के और भी सियासी और वैचारिक कारण नजर आते हैं।

Why Nitish Kumar's NDA exit in Bihar is raising hopes in Naveen Patnaik's  BJD | Latest News India - Hindustan Times

ओडिशा पहुंचे सीएम कुमार ने तटीय राज्य और पटनायक के साथ पुराने रिश्ते याद कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन बाहर आते ही पत्रकारों के सामने पटनायक ने साफ कर दिया था कि गठबंधन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है।

क्यों नहीं बनी बात?
21 लोकसभा सीटों वाले ओडिशा का गणित समझें, तो यहां 12 बीजू जनता दल, 8 भारतीय जनता पार्टी और 1 कांग्रेस के पास हैं। कहा जा रहा है कि गठबंधन से इनकार की बड़ी वजह पटनायक की भाजपा और कांग्रेस से दूरी बनाकर रखने की नीति रही। एक मीडिया रिपोर्ट में जनता दल (यूनाइटेड) या JDU के सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि पटनायक के गठबंधन में आने से हो सकता था कि उनका जन समर्थन भाजपा के साथ चला जाए। ऐसे में उनके फैसले को समझा जा सकता है।

why naveen patnaik refused for opposition alliance 2024 chunav bjp jdu  congress nitish kumar news - India Hindi News - नीतीश कुमार के फॉर्मूले से अपना  गणित नहीं बिगाड़ने चाहते नवीन पटनायक,

रिपोर्ट के अनुसार, एक जेडीयू नेता ने कहा, ‘क्षेत्रीय दल का नेता होने के नाते पटनायक ने कभी भी राष्ट्रीय महत्वकांक्षा नहीं रखी। अब अगर वह विपक्षी गठबंधन में आते, तो संकेत मिलते कि उन्होंने कांग्रेस के नीचे भूमिका निभाने में हामी भर दी है। इसका मदद से भाजपा कांग्रेस विरोधी बीजद मतदाताओं में सेंध लगा देती और साथ ही पटनायक को भी इससे नुकसान होता।’

उन्होंने कहा, ‘ओडिशा में 2024 में विधानसभा चुनाव होने के चलते वह यह जोखिम नहीं उठा सकते थे। भाजपा और कांग्रेस से उनकी दूरी एक सोची समझी रणनीति है और नीतिश कुमार यह बात जानते हैं।’

क्या था नीतीश का प्रस्ताव?
माना जा रहा है कि नीतीश ने हर सीट पर एकजुट विपक्ष का एक उम्मीदवार खड़ा करने का सुझाव दिया था। खास बात है कि 21 लोकसभा सीटों वाला ओडिशा नीतीश की यात्रा में बड़ा पड़ाव था, जहां उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। एक ओर जहां नीतीश 2022 में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) से अलग हो गए थे। जबकि, पटनायक 2008 में ही इसे अलविदा कह चुके हैं।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published.

https://slotbet.online/